-मोदी ने देश और हेमंत ने राज्य की बेहतरी में अधिकारियों की भूमिका पर रखी बात
रांची/नयी दिल्ली (आजाद सिपाही संवाददाता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी दिल्ली के विज्ञान भवन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के प्रोजेक्ट भवन सभागार में सिविल सर्निसेज डे पर अधिकारियों का हौसला बढ़ाया। मोदी ने देश की प्रगति में, तो हेमंत ने राज्य के उत्थान में अधिकारियों की भूमिका पर रखी बात। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता का पैसा सही जगह खर्च हो, यह ध्यान देना आपका काम है। वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बेहतरी के लिए कार्ययोजनाएं बनाने की जिम्मेदारी आप अधिकारियों पर है। दोनों नेताओं ने अधिकारियों को शुभकामनाएं दीं।
राज्य को बेहतर दिशा देने में लोक सेवकों की भूमिका अहम: हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि आप सभी अधिकारी कार्यपालिका के ऐसे हिस्सेदार हैं जिसके बगैर राज्य की व्यवस्था चलाना संभव नहीं है। आप सभी के कंधों पर तमाम चुनौतियों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारियां भी दी जाती है। राज्य के अंदर रहने वाले लोगों को मदद एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए जो व्यवस्थाएं बनायी गयी हैं उनका संरक्षण तथा राज्य की बेहतरी के लिए कार्ययोजनाएं बनाने की जिम्मेदारी आप सभी पर है। व्यवस्थाओं के अंदर लोक सेवकों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। लोक सेवकों का कार्य करने का दायरा बहुत बड़ा है। झारखंड में 2000 लोक सेवकों का स्ट्रेंथ है। राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की सेवा के लिए यह आंकड़ा कहीं से भी कम दिखायी नहीं पड़ता है। जरूरत है कि हम और आप सभी लोग अपने कार्यों को ईमानदारी, संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ पूरा करें।
स्थानीय भाषा में कम्युनिकेशन बनायें अधिकारी:
हेमंत सोरेन ने कहा कि आप सभी लोक सेवक झारखंड की भौगोलिक बनावट से भलीभांति परिचित हैं। झारखंड एसटी/एससी बहुल आबादी वाला राज्य है। झारखंड अलग हुए 20 साल से अधिक हो चुके हैं। आज भी झारखंड जहां था वहीं खड़ा है। झारखंड देश के पिछड़े राज्यों की गिनती में आता है। जबकि झारखंड में प्रकृति ने अपार संपदा दी हैं। राज्य बहु प्रतिभा मानव बल के लिए भी जाना जाता है। हमारे पास वैसा कोई कारण नहीं है। परंतु यह सत्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकारें आती-जाती रहती हैं। राजनेता आते-जाते रहते हैं। आप सभी लोक सेवक लंबे समय तक राज्य की सेवा में कार्यरत रहते हैं। सरकार की योजनाएं तभी सफलतापूर्वक धरातल पर उतारी जा सकती हैं। हमारे राज्य का पिछड़ापन होने का एक मुख्य कारण है यह भी है कि यहां के लोगों के साथ अधिकारियों का कम्युनिकेशन बिल्कुल नहीं बन पा रहा है। जब तक स्थानीय लोगों के साथ आप भाषा का समन्वय नहीं बनाएंगे, तब तक उनके बीच चीजों को ठीक तरह से नहीं रख पाएंगे और विकास की यात्रा आगे नहीं बढ़ पाएगी। इसलिए मेरा आग्रह होगा कि अधिकारी जनता के साथ कम्युनिकेशन बनाते हुए विकास की पहिये को आगे बढ़ायें। मुख्यमंत्री ने किसानों की वर्तमान हालात को लेकर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि विजन के अभाव में लगातार किसान वर्ग के लोग खेतिहर मजदूर बन रहे हैं। सर्वांगीण विकास की चाह में कहीं न कहीं कुदरती संसाधनों के साथ छेड़-छाड़ करने का गुनाह किया जा रहा है। यह बात सत्य है कि विकास अत्यंत आवश्यक है परंतु प्राकृतिक संसाधनों के साथ समन्वय बैठाना भी उतना ही आवश्यक है।
राज्य को बेहतर दिशा देने में भूमिका अहम:
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी लोक सेवक उन प्रथम पंक्ति के लोग हैं जो चुनौतियों को स्वीकार करते हुए राज्य को आगे ले जाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले सकते हैं। राज्य में 2000 लोक सेवकों का एक बेहतर स्ट्रैंथ है। इस स्ट्रैंथ में आइएएस, आइपीएस, आइएफएस तथा प्रशासनिक पदाधिकारी सम्मिलित हैं। कई चीजों पर आप शोध करते हैं। राज्य की जरूरतों को महसूस करते हैं। आप सभी लोग समय-समय पर विभिन्न राज्यों में जाते हैं। वहां की कार्यपालिका और व्यवस्था को देखते हैं। आप राज्य को बेहतर बना सकते हैं। आप सभी लोग वेल ट्रेंड लोग हैं। राज्य की भावी पीढ़ी का विकास आपके कंधों पर है। आज आप सभी लोक सेवकों के लिए एक संकल्प लेने का दिन है।
प्रजेंटेशन दिखा कर रखी बात:
कार्यक्रम में संजय श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रशान्त कुमार, सचिव जल संसाधन विभाग, अखिलेश झा, पुलिस महानिरीक्षक, उमाशंकर सिंह, निदेशक भू-अर्जन और अरवा राजकमल, उपायुक्त, सरायकेला-खरसावां ने अलग-अलग विषयों पर प्रजेंटेशन दिखा कर अपनी बात रखी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आइएएस आॅफिसर्स एसोसिएशन की त्रैमासिक पत्रिका ‘पलाश’ का विमोचन किया। कार्यक्रम में राज्य के सभी वरिष्ठ अधिकारिगण मौजूद थे।