नयी दिल्ली (आजाद सिपाही)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जो राजनीतिक दल सत्ता में आया है, उस पर ध्यान रखें कि वो टैक्सपेयर्स के पैसे का इस्तेमाल अपने दल के लिए कर रहा है या देशहित के लिए। ये आपको देखना होगा। सरदार पटेल जिस ब्यूरोक्रेसी को स्टील फ्रेम आॅफ इंडिया कहते थे, उसे पूरा करना है, ब्यूरोक्रेसी से चूक हुई तो देश का धन लुट जाएगा। मोदी दिल्ली के विज्ञान भवन में बोल रहे थे।
लोगों की सोच बदली है:
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने आप पर बहुत भरोसा किया है। आपको मौका दिया है। उस भरोसे को कायम रखते हुए काम करिए। आपकी सर्विस में आपके निर्णयों का आधार सिर्फ और सिर्फ देशहित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले यह सोच थी कि सरकार सब कुछ करेगी, लेकिन अब सोच यह है कि सरकार सबके लिए करेगी। अब सरकार समय और संसाधन का कुशल उपयोग कर रही है। आज की सरकार का ध्येय है देश और नागरिक पहले। और प्राथमिकता है- वंचितों को वरीयता।
तीन लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे:
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के ही प्रणाली की देन थी कि देश में 4 करोड़ से अधिक फर्जी गैस कनेक्शन थे। चार करोड़ फर्जी राशन कार्ड थे। एक करोड़ काल्पनिक महिलाओं और बच्चों को महिला और बाल विकास मंत्रालय की सहायता जा रही थी। अल्पसंख्यक मंत्रालय करीब 30 लाख फर्जी युवाओं को छात्रवृत्ति का लाभ दे रहा था। आज देश और आप सभी के प्रयासों से सिस्टम बदला है और देश के करीब करीब 3 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं। आप सभी इसके लिए अभिनन्दन के अधिकारी हैं। आज ये पैसे गरीबों के काम आ रहे हैं, उनके जीवन को आसान बना रहे हैं।
कमी को कैसे दूर करें, यह चुनौती है:
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज चुनौती ये नहीं है कि आप कितने कुशल हैं, चुनौती ये तय करने में है कि जहां जो कमी है वो कैसे दूर होगी। आज हम सभी के प्रयासों से सिस्टम बदला है और देश के करीब 3 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। आज ये पैसे गरीबों के काम आ रहे हैं, उनके जीवन को आसान बना रहे हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारी योजनाएं कितनी महान हैं, चाहे वे कागज पर कितनी भी अच्छी क्यों न हों, अंतिम छोर की डिलीवरी निर्णायक होती है। अगर यह सुनिश्चित नहीं है, तो हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। देश को आजादी के अमृतकाल तक लाने के लिए उन अधिकरियों की बड़ी भूमिका रही जो 15-25 साल पहले इस सेवा में आये हैं। और अब उन युवाओं की भूमिका सबसे बड़ी है जो अगले 15-25 साल इस सेवा में रहने वाले हैं।