रांची। झारखंड सरकार में शामिल दलों के पार्टी कार्यकतार्ओं के बीच बोर्ड और निगमों में स्थान दिए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी में संभावित नामों की सूची चर्चा में आने के बाद पार्टी के समर्पित और पुराने कार्यकर्ता काफी मुखर नजर आ रहे हैं। इससे नाराज नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर विरोध जताया है। इसपर कांग्रेस के निलंबित नेताओं ने एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष पर हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यशैली पर लगातार सवाल उठाने वाले नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू,साधु शरण गोप को पार्टी से निलंबित भी कर दिया गया है लेकिन निलंबन के बावजूद ये नेता प्रदेश अध्यक्ष हटाने को लेकर तीन बार दिल्ली में अपनी बातों से नेतृत्व को अवगत भी कराया है। इन नेताओं का मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के नीति सिद्धांतों के विपरीत भाजपा के इशारे पर कार्य कर रहे हैं। अपने ही सरकार के मंत्रियों के कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। पार्टी के विधायकों पर एफआईआर करा रहे हैं, और जो नेता सच्चाई को सामने लेकर आ रहे हैं प्रदेश अध्यक्ष उन्हें पार्टी से निष्कासित कर रहे हैं। जो पार्टी की बातों को प्लेटफार्म पर रखना चाहते हैं उन्हें अनुशासन का डर दिखाया जाता है। ऐसे में पार्टी 2024 के चुनौतियों का सामना करेगी जब जनता के मुद्दों के साथ पार्टी खड़ी नहीं होगी, जनता पार्टी से दूर होती जा रही है। रामगढ़ का उपचुनाव इस बात का संकेत और चेतावनी है कि वर्तमान नेतृत्व के साथ हम आम चुनाव में नहीं जा सकते हैं। अब देखने वाली बात ये होगी कि आज जिन नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आवाज उठाया है उन्हें निलंबित किया जाएगा या मैनेज किया जाएगा।
बोर्ड निगम की सूची के खिलाफ आवाज उठाने वाले नेताओं को निलंबित किया जायेगा या मैनेज : आलोक दूबे
Related Posts
Add A Comment