– कंचनजंगा प्रकृति की सुंदर रचना रही हैः द्रौपदी मुर्मू

गुवाहाटी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (शुक्रवार) असम पर्वतारोहण संघ द्वारा कंचनजंगा में आयोजित ‘माउंट कंचनजंगा अभियान-2023’ का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय असम के दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति ने आज काजीरंगा में गज उत्सव-2023 में हिस्सा लेने के बाद गुवाहाटी के कोइनाधारा स्थित राजकीय अतिथि गृह में आयोजित एक समारोह में इस अभियान की शुरुआत की और अभियान के नेता मानस बरुवा को राष्ट्रीय ध्वज, आईएसएक्स बैटन और अभियान का ध्वज सौंपा।

अभियान का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि कंचनजंगा प्रकृति की सुंदर रचना रही है। इस कंचनजंगा पर्वतारोहण अभियान की पूर्व संध्या पर उन्होंने खुद को भाग्यशाली बताया और अभियान की सफलता की कामना की। उन्होंने इस अभियान के सफल होने की बात कहते हुए आशा व्यक्त की कि यह सफलता भविष्य में अन्य पर्वतारोहियों को भी प्रेरित करेगी।

इस अवसर पर असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा के अलावा बड़ी संख्या में राज्य सरकार और राष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारी और असम पर्वतारोहण संघ 2023 के माउंट कंचनजंगा अभियान से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा, जो अभियान के ‘चीफ ऑफ मिशन’ के प्रभारी भी हैं, ने राष्ट्रपति का फूलाम गमोछा देकर स्वागत किया। बाद में पर्वतारोहण मिशन के मुख्य संयोजक सत्येन शर्मा ने राष्ट्रपति को मिशन ज्ञापन सौंपा। असम पर्वतारोहण संघ के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र नाथ महंत ने अभियान के अवसर पर राष्ट्रपति को स्मारिका सौंपी। उल्लेखनीय है कि इस अभियान का पूरा खर्च असम सरकार के खेल एवं युवा कल्याण निदेशालय ने वहन किया है।

कंचनजंगा अभियान पर जाने वाली सात सदस्यीय टीम का नेतृत्व राज्य के सबसे अनुभवी पर्वतारोहियों में से एक मानस बरुवा करेंगे। डिप्टी टीम लीडर के साथ, राज्य के सबसे अनुभवी पर्वतारोहियों में से एक और चिकित्सा अधिकारी, तेजपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ जगदीश बासुमतारी हैं। टीम के अन्य सदस्य उपेन चक्रवर्ती (संयुक्त उप टीम लीडर), कौशिक दास, भास्कर दास बरुवा, जयंत नाथ और शेखर बरदलोई हैं। दल यहां से आगामी 11 अप्रैल को गुवाहाटी से ट्रेन के जरिए अपनी यात्रा आरंभ करेगा। इसके बाद सिलिगुड़ी से काकभिटा तक वाहन से नेपाल के ताप्लेजूंग पहुंचेंगे। वहां से वे हिमालय में 5200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आधार शिविर तक जाएंगे। टीम 20 अप्रैल को आधार शिविर पहुंचेगी। आधार शिविर से शिखर शिविर तक चार शिविरों को पार करने के बाद टीम 13-18 मई तक शिखर पर चढ़ने का अंतिम प्रयास करेगी।

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