विशेष
-9 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार से शुरू करेंगे अभियान
-बड़ा सवाल: कांग्रेस के लिए कितना कारगर होगा राहुल का अभियान
पिछले एक सप्ताह से भारत की राजनीति में उठे बड़े बवंडर के केंद्र में रहनेवाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहुप्रचारित ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद एक और अभियान शुरू करने का एलान किया है, जिसका नाम उन्होंने ‘सत्यमेव जयते’ दिया है। उनका यह अभियान 9 अप्रैल को कर्नाटक के उसी कोलार से शुरू होगा, जहां 2019 के चुनावों से पहले दिये गये अपने मोदी उपनाम वाले बयान के कारण उन्हें दो साल की सजा मिली है और उनकी सांसदी भी रद्द कर दी गयी है। 23 मार्च को अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने और सांसदी जाने के बाद से ही राहुल के अगले कदम की घोषणा का इंतजार हो रहा था। अपने वक्तव्यों और बिना सोचे-समझे बयान देने के लिए पूरी दुनिया में चर्चित हो चुके कांग्रेस के युवराज के इस नये अभियान पर देश भर की निगाहें हैं, लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि अपने 137 साल के इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस के लिए यह अभियान कितना कारगर होगा। कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं और कोलार से अभियान शुरू करने के पीछे यह एक बड़ा कारण हो सकता है। कर्नाटक में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के नतीजों के पक्ष में होने के कारण कांग्रेस उत्साहित तो है, लेकिन पार्टी के भीतर इस बात को लेकर भी मंथन चल रहा है कि राहुल गांधी का रवैया पार्टी के लिए नुकसानदेह न साबित हो जाये। राहुल गांधी खुद भी इस बात को लेकर सोचते ही होंगे, लेकिन उनके रवैये में अब तक कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है। ऐसे में ‘सत्यमेव जयते’ अभियान से वह कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचा सकेंगे, यह देखना वाकई दिलचस्प होगा। राहुल गांधी के ‘सत्यमेव जयते’ अभियान और राजनीति पर पड़नेवाले उसके संभावित असर का आकलन कर रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी पिछले एक सप्ताह से देश में उठे राजनीतिक बवंडर के केंद्र में बने हुए हैं। सूरत की अदालत से मानहानि के एक आपराधिक मामले में दो साल की सजा सुनाये जाने और उसके कारण लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद से कांग्रेस के युवराज लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। यह अलग बात है कि इसका सियासी फायदा उनकी कांग्रेस को कितना मिलेगा, इसका आकलन अब तक नहीं किया गया है। वास्तव में राहुल के लिए साल 2023 का सबसे बड़ा झटका मोदी उपनाम वाला केस है। एक विवादित बयान की वजह से वह अपनी सांसदी तक गंवा बैठे हैं। उसके बाद से ही उनके अगले कदम का इंतजार किया जा रहा था। 24 मार्च को उन्होंने मीडिया से बातचीत की थी, लेकिन अपने अगले कदम के बारे में कोई संकेत नहीं दिया था। राहुल और कांग्रेस की इस चुप्पी से यह संकेत तो मिल रहा था कि ‘कुछ’ होनेवाला है, लेकिन क्या, इसका जवाब नहीं मिल रहा था। लेकिन अब राहुल गांधी ने इसका खुलासा कर दिया है। वह इस पूरे प्रकरण को लेकर अब सड़क पर उतरेंगे। 2019 के चुनाव से पहले कर्नाटक के जिस कोलार में उन्होंने मोदी उपनाम पर विवादित बयान दिया था, अब उसी जगह से राहुल गांधी ‘सत्यमेव जयते’ अभियान की शुरूआत करने वाले हैं। राहुल गांधी पहले 5 अप्रैल को कोलार से पार्टी का देशव्यापी ‘सत्यमेव जयते’ आंदोलन शुरू करनेवाले थे, लेकिन अब इसकी तारीख आगे बढ़ा कर 9 अप्रैल कर दी गयी है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राहुल के इस अभियान को मंजूरी दे दी है और कहा है कि राहुल अब इसी मिशन पर आगे बढ़ेंगे। पार्टी ने कहा है कि राहुल गांधी की अयोग्यता का मुद्दा कोलार में उनके भाषण के साथ शुरू हुआ था। 9 अप्रैल को राहुल गांधी कोलार जायेंगे और वहां से अपना ‘सत्यमेव जयते’ आंदोलन शुरू करेंगे, जो पूरे देश में जायेगा। 5 अप्रैल की तारीख को आगे बढ़ा कर 9 अप्रैल करने के पीछे एक खास कारण है। 9 अप्रैल को पीएम मोदी भी कर्नाटक की यात्रा पर रहेंगे।
कांग्रेस को उम्मीद, कोलार की धरती से होगा बदलाव
कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी के इस अभियान की रणनीति सोच-समझ कर तैयार की है। कर्नाटक में अगले महीने की 10 तारीख को चुनाव है और राहुल गांधी ने यदि ऊपरी अदालत में अपील नहीं की, तो इसी महीने की 22 तारीख को वह जेल चले जायेंगे। इसलिए बीच के 15 दिन के दौरान पार्टी राहुल का भरपूर इस्तेमाल करना चाहती है। इसलिए कांग्रेस के नेताओं ने उनसे कोलार से शुरूआत करने के लिए कहा। वह तैयार हो गये और इस अभियान के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं की उपस्थिति में राहुल गांधी कोलार की धरती से बदलाव का संदेश देंगे।
कांग्रेस के ‘मेरा घर, आपका घर’ मुहिम को नहीं मिली अपेक्षित सफलता
‘सत्यमेव जयते’ अभियान की जरूरत इसलिए भी महसूस की गयी, क्योंकि 23 मार्च को पार्टी द्वारा सोशल मीडिया पर चलाये गये ‘डरो मत’ अभियान और फिर राहुल गांधी के समर्थन में कई राज्यों में चलाये गये ‘मेरा घर, आपका घर’ मुहिम को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। ये दोनों अभियान न तो ट्रेंड कर सके और न ही इसका कोई असर हुआ। ‘मेरा घर, आपका घर’ मुहिम राहुल गांधी के सरकारी आवास खाली कराने के नोटिस के बाद शुरू की गयी। इसके तहत राहुल को कांग्रेसी नेता अपने यहां रहने का न्योता दे रहे थे। कई राज्यों से राहुल गांधी को आमंत्रण पत्र भेजा गया। तरह-तरह की प्रचार सामग्री बनायी गयी, लेकिन इसका कोई लाभ धरातल पर नजर नहीं आया। बता दें कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद उन्हें दिल्ली के 12 तुगलक लेन आवास को खाली करने का आदेश दिया गया। यह नोटिस लोकसभा की आवासन कमिटी ने भेजा है।
क्या 2024 के लिए तैयार है कांग्रेस
राहुल गांधी के नये अभियान के एलान के बाद अब सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है? इस सवाल का जवाब अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 2024 के पूर्व चुनाव की तैयारी थी। इस बीच अदालती फैसले के बाद राजनीतिक परिस्थितियां बदल गयी हैं। इसलिए अब कांग्रेस मिशन मोड में यह चुनाव लड़नेवाली है। ‘सत्यमेव जयते’ अभियान के बाद राहुल गांधी कई प्रदेशों में अपना चुनावी अभियान तेज कर सकते हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता एक बार फिर संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। जिन राज्यों में कांग्रेस ने पकड़ खोयी है, वहां एक बार फिर से पांव जमाने की कोशिश की जा रही है।
लेकिन कांग्रेस पार्टी के भीतर एक संदेह भी है। वह यह तय नहीं कर पा रही है कि यदि राहुल गांधी जेल चले गये, तो फिर 2024 का चुनाव वह किस चेहरे को आगे कर लड़ेगी।