—वाराणसी स्मार्ट सिटी ने अबतक 10 अरब से ज्यादा के प्रोजेक्ट किए पूरे
— हर योजना की खुद मॉनीटरिंग कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

वाराणसी। दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत अड़भंगी नगरी काशी अब अपनी प्राचीनता के लिए जानी जाती है। वहीं, अब आधुनिकता के लिए भी विश्व में लोग इसे पहचानने लगे हैं। काशी अपने मूल स्वरूप को समेटे हुए आधुनिकता के साथ तालमेल करते हुए दिनोंदिन स्मार्ट होती जा रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में काशी को स्मार्ट बनाने के लिए तथा यहां मूलभूत सुविधाओं में सुधार करते हुए एडवांस टेक्नोलॉजी से इस शहर को लैस करने का काम निरंतर जारी है। इसी का नतीजा है कि वाराणसी स्मार्ट सिटी के तहत 2018 से लगभग 10 अरब (1017.69 करोड़ रूपये) की योजना स्वीकृत हुई थी, जिसका कार्य पूरा हो चुका है। इससे शहर के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। वहीं, करीब 329 करोड़ की लगभग 03 परियोजनाओं का काम प्रगति पर है, जिनके मार्च 2024 तक पूर्ण होने की सम्भावना है।

ब्रांड बनारस के रूप में विख्यात हो रहे काशी के विकास की चर्चा आज चहुंओर है। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद वाराणसी को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’, आधुनिक सुविधाओं से युक्त नमो घाट, शहर को जाम से मुक्ति दिलाती कई आधुनिक पार्किंग, एडवांस सर्विलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर बनाया गया । शहर के चप्पे चप्पे पर तीसरी आंख का पहरा, आज़ादी के पहले के स्कूलों का कायाकल्प, गलियों का पुनरुद्धार, पौराणिक तालाब, कुंडो, पार्कों का जीर्णोद्धार, ओपन ज़िम, व पार्को का जीर्णोद्धार कराया गया ।

शहर में कई जगह पर फ्री वाई फाई सुविधा, दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक सुविधा और मार्केट काम्प्लेक्स का निर्माण, गोदौलिया, दशाश्वमेध तक गुलासबी गलियारा व सौंदर्यीकरण आदि काम हुए हैं। जिससे शहर की रंगत ही पूरी तरह से बदल गयी है।

वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने बताया कि 2018 से अभी तक 51 परियोजना के लिए स्वीकृत 1017.69 करोड़ रुपए का कार्य पूर्ण हो चुका है। सिगरा स्पोर्ट स्टेडियम में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम निर्माणाधीन है, नमो घाट समेत 3 महत्वपूर्ण योजना मार्च 2024 तक पूर्ण होना प्रस्तावित है, जिसकी लागत लगभग 329 करोड़ है।

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