नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को एक बार फिर दोहराया कि गौतम अडानी के मुद्दे पर सच्चाई सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की तुलना में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला पैनल अधिक विश्वसनीय है।

पवार ने आज मीडिया को दिये एक बयान में कहा कि जेपीसी की मांग हमारे सभी साथियों ने की है ये बात सच है। मगर हमें लगता है कि जेपीसी में 21 में से 15 सदस्य सत्ताधारी पार्टी के होंगे। ऐसे में देश के सामने सच्चाई कहां तक आ पाएगी। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी ने जेपीसी का समर्थन किया है लेकिन मुझे लगता है कि जेपीसी में सत्तारूढ़ पार्टी का वर्चस्व होगा इसलिए सच्चाई सामने नहीं आएगी। इसलिए मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला पैनल सच्चाई सामने लाने का एक बेहतर तरीका है।

शरद पवार ने कहा कि एक जमाना ऐसा था जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करनी होती थी तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे। टाटा का देश में योगदान है। आजकल अंबानी-अडानी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है। इस बारे में सोचने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और किसानों के मुद्दे जैसे अन्य मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हैं।

2024 के चुनावों के लिए ‘विपक्षी एकता’ पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमने सभी विपक्षी दलों की एक संयुक्त बैठक की और वहां सभी मुद्दों पर चर्चा की। कुछ ऐसे मुद्दे थे जिन पर हम सहमत नहीं थे लेकिन सभी ने बैठक में अपने विचार रखे।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले शुक्रवार को एक निजी समाचार चैनल के साथ विशेष साक्षात्कार में एनसीपी प्रमुख ने अडानी मुद्दे पर कांग्रेस की मांग से असहमति जताते हुए कहा था कि उनका दृष्टिकोण उनके महाराष्ट्र सहयोगी से अलग है।

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