रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि सामाजिक और राजनीतिक चेतना जागृत कर झारखंड में एक नई क्रांति की नींव रखने का वक्त है। महतो मंगलवार को रांची स्थित सिदो-कान्हू पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के आधुनिक हथियारों को अपने तीर-धनुष के आगे झुकने पर मजबूर कर देने वाले महान क्रांतिकारी एवं हूल क्रांति के महानायक अमर शहीद सिदो-कान्हू सहित अगणित वीर सपूतों के अविस्मरणीय बलिदान की बदौलत ही आज हम आजाद भारत में सांस ले रहें। उन्होंने कहा कि शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि प्रदेश के मजदूर, किसान, नौजवान तथा वंचित वर्ग को हक दिलाकर ही दी जा सकती है। लेकिन आलम तो ये है कि आज अपने ही राज्य में झारखंडी अपना अस्तित्व, अपनी पहचान की तलाश में हैं। सरकार के कार्यों से ऐसा लग रहा कि स्वतंत्रता सेनानियों, आंदोलनकारियों के सम्मान के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं। आज परिस्थितियां विपरीत हैं।

यह समय एकजुट होकर झारखंड एवं झारखंडियत के संरक्षण के लिए सामाजिक एवं राजनीतिक चेतना जागृत कर एक नई क्रांति की नींव रखने का वक्त है। मौके पर आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि सिपाही विद्रोह के वर्षों पूर्व झारखंड के वीर सपूतों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका। संताल हूल के दौरान वीर शहीद सिदो-कान्हू के नेतृत्व में हजारों क्रांतिकारियों ने अपनी शहादत दी। लेकिन इतिहास के पन्नों में झारखंड के वीर शहीदों को वो जगह, वो सम्मान नहीं मिला।

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