रांची। हाइकोर्ट के आदेश के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा अंतर्गत नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटरों का बकाया भुगतान 24 धंटे के अंदर करने का आदेश दिया है। इसका अनुपालन प्रतिवेदन भी मांगा है। मनरेगा आयुक्त 16 अप्रैल को हाइकोर्ट में शपथ पत्र इस संबंध में दायर कर भुगतान की जानकारी भी देंगे। बकाया भुगतान प्रखंड स्तर पर संधारित किसी अन्य मद की राशि से करने का आदेश भी दिया गया है। ऐसे में तत्काल राशि का भुगतान किया जायेगाण् चतरा जिले के करीब 24 कंप्यूटर ऑपरेटरों को जून 2022 से मार्च 2024 तक 22 माह का बकाया मानदेय का भुगतान किया जायेगा। ग्रामीण विकास विभाग के आदेश के बाद प्रखंड स्तर से बकाया भुगतान करते हुए भुगतान से संबंधित प्रतिवेदन 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने को कहा गया है। दो अप्रैल 2024 को विजेयता तिवारी और अन्य बनाम झारखंड सरकार के वाद में पारित आदेश का उल्लेख किया है और कहा कि अविलंब आदेश के अनुपालन करने की दिशा में कार्रवाई करते हुए बकाया का भुगतान किया जाये। प्रतापपुर प्रखंड ने इस दिशा में फाइल भी बढ़ा दी है। एक कंप्यूटर ऑपरेटर को 10,500 रुपये प्रतिमाह मिलता है। ऐसे में 22 माह के बकाया उसे 2.31 लाख रुपये दिये जायेंगे। इस प्रखंड में संविदा पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर नीरज कुमार और आलोक कुमार को बकाया भुगतान के लिए राशि आवंटित करने का अनुरोध किया गया है।
क्या है मामला
दो अप्रैल 2024 को झारखंड हाइकोर्ट ने मनरेगा कर्मियों को बकाया भुगतान देने का आदेश दिया था। जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत ने मानदेय का भुगतान कर मनरेगा आयुक्त को शपथ पत्र दायर करने को कहा है। अदालत ने कहा था कि जब प्रार्थी काम कर रहे हैं, विभाग उनसे काम ले रहा है, तो जून 2022 से उनके मानदेय का भुगतान क्यों नहीं किया गया। मामले में विजेता तिवारी और 11 अन्य ने याचिका में कहा है कि प्रार्थी चतरा जिले में ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थापित कंप्यूटर ऑपरेटर हैं।