जमशेदपुर। एडीजे-4 आनंद मणि त्रिपाठी की कोर्ट ने सोमवार को जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग के केस में दुमका जेल बंद में जमशेदपुर के गैंगस्टर अखिलेश सिंह को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत कुल 22 लोगों की गवाही हुई थी लेकिन अखिलेश सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 120 बी, आर्म्स की धारा साबित नहीं हो सकी। इस केस में आरोपित बंटी जायसवाल, रितेश राय, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह के खिलाफ अलग से सुनवाई चल रही है। कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता प्रकाश झा, अधिवक्ता विद्या सिंह ने पक्ष रखा जबकि आरोपित गैंगस्टर अखिलेश सिंह वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से जुड़ा था।

उल्लेखनीय है कि 19 मार्च, 2008 को साकची थाना क्षेत्र अंतर्गत उत्पाद कार्यालय के समीप जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गों ने फायरिंग की थी। गोली उनकी छाती, पैर, कान के पास में लगी थी। बताया जा रहा है कि साकची जेल के तत्कालीन जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में तत्कालीन जज आरपी रवि ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी थी। इस फैसले से नाराज गैंगस्टर अखिलेश सिंह ने जज से बदला लेने के नीयत से फायरिंग करवाई थी। घटना के बाद पुलिस ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह, सुधीर दुबे, बंटी जायसवाल, नितेश, पप्पू सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू को आरोपित बनाते हुए केस किया था।

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