नीलांचल आयरन एंड पावर कंपनी के नाम की थी 50-50 एकड़ भूमि की अवैध जमाबंदी

रांची। नीलांचल आयरन एंड पावर लि के नाम से 50-50 एकड़ भूमि की अवैध जमाबंदी कराने वाले तत्कालीन अंचल अधिकारी कुंदा, चतरा प्रमोद राम को दिया गया दंड बरकरार है। मुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री चंपाई सोरेन ने उनके अपील अभ्यावेदन को खारिज करते हुए अधिरोपित असंचयात्मक प्रभाव से तीन वेतन वृद्धि रोके जाने के दंड को यथावत रखने का आदेश दिया है।
इस संबंध में 6 मार्च 2024 को ही मंत्रिपरिषद की बैठक से भी स्वीकृति ली गयी थी। कार्मिक विभाग ने इसके बाद अधिसूचना जारी कर दी है। दरअसल, तत्कालीन उपायुक्त चतरा ने 16.12.2024 को आरोप पत्र गठित कर सरकार को कार्रवाई की अनुशंसा की थी। यह बात सामने आय्ी थी कि इनके द्वारा ग्राम डोकवा एवं मौजा-पचंबा की कुल 50-50 एकड़ भूमि की जमाबंनी नीलांचल आयरन एंड पावर लि को अवैध रूप से की गयी है। मामले की जांच हुई, जिसमें आरोप प्रमाणित हुआ।

जांच रिपोर्ट में उनकी असंचयात्मक प्रभाव से तीन वेतन वृद्धि रोकने का दंड दिया गया। पूरे मामल में तत्कालीन सीओ कुंदा ने अपील अभ्यावेदन दिया। इसकी समीक्षा में कोई नया तथ्य सामने नहीं आया। इस बात को भी देखा गया कि अधीनस्थ कर्मियों के गलत प्रतिवेदन की वजह से सिर्फ ऐसा है। इसे सरकार ने सही नहीं माना और अधिकारी की संलिप्तता को स्वीकार करते हुए अपील को अस्वीकार कर दिया गया है।

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