रांची। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जमीन घोटाले में इडी को नई जानकारी मिली है। एजेंसी को जानकारी मिली है कि कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस में जमीन का फजीर्वाड़ा कर इसे कब्जाने वाले गिरोह ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कथित जमीन के दो प्लॉट के दस्तावेज में भी छेड़छाड़ करवायी थी। पूर्व मुख्यमंत्री पर इडी ने जिस 8.86 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से कब्जाने का आरोप लगाया है, वह जमीन कुल 12 प्लॉट को मिलाकर है। इडी ने जांच में पाया है कि 12 में 2 प्लाट की जमीन के दस्तावेज में हेरफेर कराया गया था। इसकी पुष्टि भी फॉरेंसिक जांच में हो चुकी है। पूरे मामले में कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस ने एक प्राथमिक अज्ञात लोगों पर करायी थी। इसमें भी कई दस्तावेज में छेड़छाड़ की बात सामने आयी है। इडी की रिपोर्ट के आधार पर रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी। कोलकाता पुलिस ने भी जांच में पाया है कि रांची व उसके आसपास की जमीनों के लैंड रिकॉर्ड में गड़बड़ी कर जमीन घोटाले को अंजाम दिया गया।

किस-किस प्रकृति की जमीन
इडी ने जांच में पाया है कि 8.86 एकड़ जमीन में .21 एकड़ जमीन प्लाट संख्या 983, 1.16 एकड़ जमीन प्लाट संख्या 985 की है, इस जमीन की रजिस्टर 2 में इंट्री नहीं है। ये जमीन बाउंड्री के भीतर है। वहीं, प्लाट संख्या 987 में कुश कुमार भगत व बुधन राम, जगेश्वर राम के नाम पर गैर भूईंहरी जमीन है। प्लाट संख्या 984 की .30 एकड़ भूमि भी बकाश्त भूईहरी है। इसका भी रजिस्टर 2 में इंट्री नहीं है। प्लाट संख्या 988 की 2.06 एकड़ बकाश्त भूमि शशिभूषण सिंह, भवानी शंकर लाल, बुधन राम के नाम पर रजिस्टर 2 में दर्ज थी।
प्लाट 986 एकड़ जमीन लोधा पाहन, प्लाट 990 की .48 जमीन बकाश्त भूईहरी बुधन राम, प्लाट 989 की बकाश्त भूईहरी जमीन भरत राम, जगदीश राम, सुधीर जायसवाल, अनिल जायसवाल के नाम पर है। वहीं प्लाट संख्या 992 की .61 एकड़ बकाश्त भूईंहरी पहनाई जमीन महेश्वर दास गुप्ता के नाम पर रजिस्टर 2 में थी। प्लाट संख्या 993 की .41 एकड़ की जमाबंदी उपलब्ध नहीं थी। वहीं प्लाट 996 की .32 एकड़ जमीन उमाशंकर जायसवाल, प्लाट 980 की 42 डिसमिल जमीन विनिव्रत राय के नाम पर थी। ये सारी जमीनें एक ही बाउंड्री के भीतर थीं। लेकिन इडी की जांच शुरू होने के बाद पुरानी जमाबंदी रद्द कर पूरी जमाबंदी राजकुमार पाहन के नाम पर की गई।

सद्दाम से भी पूछताछ में खुले राज
रांची जमीन घोटाले में इडी ने गिरफ्तार राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खास सहयोगी मो सद्दाम को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। मो सद्दाम के पास भी पूर्व मुख्यमंत्री की कथित जमीन से जुड़े दस्तावेज मिले थे। इडी ने इसी आधार पर उसे रिमांड पर भी लिया था। इडी ने संबंधित जमीन के दस्तावेजों के रिकार्ड में कोलकाता में हेरफेर के पहलुओं पर भी सद्दाम से सवाल-जवाब किया।

साल 2010-11 में ही अपने कब्जे में ली थी जमीन
हेमंत सोरेन के द्वारा जिन 12 प्लॉट को मिलाकर कथित 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा किया गया था। उसके लिए भी जमीन के रिकॉर्ड में भारी छेड़छाड़ की बात इडी ने जांच में पायी है। इडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि हेमंत सोरेन ने इस जमीन को साल 2010-11 में ही अपने कब्जे में लिया था। इसके बाद इस जमीन के लिए दस्तावेजी हेरफेर किए गए।

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