रांची। रांची जिला के जिन सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव में लगी है, वह इससे बचने के जुगाड़ लगाने में लग गए हैं। जिला के कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए अपनी बीमारियों का हवाला देते नजर आ रहे हैं। रांची जिला प्रशासन ने लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए करीब 13 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी के लिए नियुक्त किया है। लेकिन चुनाव ड्यूटी में लगाये जाने के बाद कई कर्मचारी और पदाधिकारी अपनी बीमारी का हवाला देकर चुनावी कार्य से दूर होने की गुहार लगा रहे हैं। इसके लिए रांची डीसी को भी कई आवेदन दिए गए हैं।

कर्मचारियों का आवेदन मिलने के बाद रांची डीसी राहुल सिन्हा ने मेडिकल बोर्ड गठित कर सभी आवेदनों का सत्यापन करने का निर्देश दिया है। मेडिकल बोर्ड इस बात की जांच करेगा कि जिन कर्मचारियों और पदाधिकारियों ने चुनावी कार्य से दूर रहने के लिए बीमारी का हवाला दिया है। वह वास्तव में बीमार हैं या नहीं, कई लोगों ने सिर्फ इसलिए चुनावी कार्य से दूर रखने का आवेदन दिया है क्योंकि उन्हें बीपी और शुगर की शिकायत है। रांची के सिविल सर्जन के मुताबिक, अब तक लगभग 400 से ज्यादा कर्मियों ने अलग-अलग बीमारियों का हवाला देकर आवेदन दिया है। लेकिन मेडिकल बोर्ड के समक्ष अब तक सिर्फ दो दर्जन कर्मी ही अपनी बीमारी और उसकी जांच से संबंधित डॉक्टर की पर्ची लेकर पहुंचे हैं।

दरअसल चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति दूर-दराज के इलाकों और संवेदनशील इलाकों में भी की जाती है। कई बार चुनाव कार्य में लगे लोगों पर गोलीबारी या फिर चुनाव कार्य में लगे लोगों के साथ दुर्घटना की भी सूचना मिलती है, इसलिए सरकारी अफसर चुनाव कार्य में ड्यूटी देने से बचना चाहते हैं।

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