रांची। हाइकोर्ट ने लोहार जाति को एसटी सूची से बाहर करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले की सुनवाई हाइकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट में हुई। खतियानी लोहार-लोहरा जनजाति समाज के अध्यक्ष अतीत कुमार की ओर से इस संबंध में हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि लोहार संविधान के प्रारंभ से ही जनजातीय रहा हैण् लेकिन झारखंड अलग राज्य बनने के बाद लोहार को एसटी सूची से बिना किसी उचित कारण बताये हटा दिया गया और सिर्फ लोहरा को एसटी की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया, जबकि लोहरा केवल पर्यायवाची, क्षेत्रीय बोलचाल की भाषा का शब्द है। इसी कारण लोहरा के नाम से कोई खतियान भी नहीं मिलता है।