किशनगंज। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बिहार की पांच सीटों पर मतदान होने वाला है, जिसमें सीमांचल का किशनगंज लोकसभा सीट भी शामिल है। सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है, ऐसे में 67 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले किशनगंज लोकसभा सीट पर जदयू प्रत्याशी के पक्ष में अल्पसंख्यक मंत्री व जदयू के किशनगंज लोकसभा प्रभारी जमा खां मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में जमा खां ने कहा कि हम लोगों का काम करने का तरीका लोगों ने देखा है। उन्होंने कहा कि जिले में दो हफ्तों से कैंप कर अल्पसंख्यक वोटरों से जनसंपर्क करने में जुटे हैं। इस बार माइनॉरिटी वोटर भी हम लोगों के साथ जुड़ने जा रहे हैं। इस बार परिवर्तन की लहर किशनगंज में तेज हो गयी है। हम लोग माइनॉरिटी वोटरों से डरते थे कि वो हमें समर्थन नहीं करेंगे, लेकिन इस बार माइनॉरिटी वोटरों का एक बड़ा तबका हमारे साथ जुड़ने जा रहा है। दो हफ्तों से मैं खुद किशनगंज संसदीय क्षेत्र में कैंप कर रहा हूं और अब तक 100 से 150 गांव में जाना हुआ है। हर जगह, हर समाज के लोग वोट दे रहे हैं।

AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज से प्रत्याशी खड़ा किया है, जिसको लेकर वोट बंटने के सवाल पर जमा खां ने कहा कि ओवैसी को लोग जान गये हैं। उनको चुनाव के वक्त ही सीमांचल याद आता है, चुनाव के बाद अता-पता नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि एनडीए किशनगंज सीट पर विकास के नाम पर चुनाव लड़ रही है। अल्पसंख्यक मंत्री ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का विकास किया है, जिसमें किशनगंज जिला भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि वे लोग मजहब की राजनीति नहीं करते हैं। लोग पार्टी के काम को देखकर वोट देंगे। दरअसल जमा खां जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम के नॉमिनेशन के बाद से जिले में लगातार कैंप कर अल्पसंख्यक वोटरों के बीच जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। गौर करे कि मुस्लिम बहुल किशनगंज लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है। चुनाव को लेकर तमाम दलों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। वहीं, इस लोकसभा सीट पर जेडीयू से मुजाहिद आलम, AIMIM से अख्तरुल ईमान, कांग्रेस से डा. जावेद आजाद के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version