रांची। झारखंड हाई कोर्ट में राजधानी सहित राज्य में मांस विक्रेताओं द्वारा दुकान के बाहर कटे हुए बकरा एवं मुर्गियों को खुले में प्रदर्शित किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई। मामले में जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जिलों के एसएसपी-एसपी को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए उनसे पूछा है कि कोर्ट के पिछले आदेश के आलोक में अवैध रूप से संचालित मीट शॉप पर क्या कार्रवाई हुई है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची शहर में मीट शॉप पर अभी भी बकरा एवं मुर्गों का खुले में प्रदर्शन जारी है। अवैध रूप से संचालित मीट दुकानों पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। रांची नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि शहर में अवैध रूप से संचालित कुछ दुकानों को चिह्नित किया गया है उसकी रिपोर्ट एसएसपी को भेजी गई है। यह भी बताया गया कि कांके में बकरा को काटने के लिए एक स्लॉटर हाउस बनाया गया है लेकिन अभी वहां बहुत कम मीट शॉप संचालक बकरे का मांस कटवाने पहुंचते हैं। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शुभम कटारुका एवं अधिवक्ता अभय शंकर ने पक्ष रखा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर रांची एवं झारखंड के अन्य जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अवैध रूप से चलने वाले मीट शॉप पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा रांची नगर निगम और राज्य सरकार से पूछा गया कि मांस की दुकानों में जानवरों के शवों को काले शीशे के दरवाजे और पर्दे से ढके जाने पर जो रेगुलेशन है उसे लागू करने के लिए क्या कार्रवाई की गयी है।

कोर्ट ने राज्य के जिलों के डीसी एवं एसपी को निर्देश दिया है कि वह मांस विक्रेताओं के खिलाफ जांच अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करने को कहा था कि उनके पास लाइसेंस है या नहीं, जिन मीट शॉप विक्रेताओं के पास लाइसेंस नहीं है उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल निर्धारित की है।

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