रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने विजयेता तिवारी और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये मनरेगा आयुक्त को सभी 11 प्रार्थियों का बकाया मानदेय भुगतान कर प्रति शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब सभी प्रार्थी कार्य कर रहे हैं। विभाग द्वारा उनसे कार्य लिया जा रहा है तो जून 2022 के उपरांत उनके मानदेय का भुगतान क्यों नहीं किया गया है?
मानदेय भुगतान व सेवा नियमित करने के लिए कोर्ट में लगायी गुहार
दरअसल चतरा जिले में ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थापित कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ती 2007 में हुई थी। तब से सभी कंप्यूटर ऑपरेटर अपनी सेवा विभाग को दे रहे थे। लेकिन जून 2022 के बाद उन्हें मानदेय भुगतान बंद कर दिया गया था। जिसके बाद 11 प्रार्थियो ने मानदेय भुगतान सहित अपनी सेवा नियमित कराने के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगायी थी। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्र ने पक्ष रखा।