रांची। बांका बिहार के चानन डैम से सिंचाई के लिए झारखंड के गोड्डा को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने को लेकर सांसद निशिकांत दुबे जनहित याचिका की सुनवाई गुरुवार को झारखंड हाइकोर्ट में हुई। मामले में निशिकांत दुबे की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पूरक शपथ पत्र दाखिल कर कोर्ट को बताया कि गोड्डा में सुगाबथान डैम बनने से बिहार के चानन डैम से सिंचाई के लिए पानी की निर्भरता खत्म होगी। वर्ष 1978 में गोड्डा में सुगाबथान डैम बनाने का प्रस्ताव था। इसके लिए उस समय 2 करोड रुपये की स्वीकृति भी हुई थी, लेकिन यह डैम अब तक पूरा नहीं हुआ है, अगर सुगाबथान डैम बन जाता है, तो बिहार के चानन दम से गोड्डा के किसानों के लिए सिंचाई की पानी की निर्भरता खत्म हो जायेगी। गोड्डा के किसानों को सुगाबथान डैम से सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। कोर्ट ने निशिकांत दुबे के शपथ पत्र पर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई 19 जून निर्धारित की। दरअसल, बिहार सरकार ने चानन डैम से झारखंड को पानी देने में असमर्थता जतायी थी। वही झारखंड सरकार का कहना है कि उसे इस डैम से पानी मिलना चाहिए, ताकि गोड्डा में सिंचाई हो सके। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि चंदन डैम में छह कैनाल सिस्टम है, जिनमें चार कैनाल सिस्टम झारखंड में आते हैं और दो बिहार में आते हैं। यह स्ट्रक्चर डैमेज हो चुका है, जिसका रिपेयर करना जरूरी है, ताकि गोड्डा जिला में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सके।
निशिकांत दुबे ने हाइकोर्ट को बताया, गोड्डा में सुगाबथान डैम बनने से बिहार के चानन डैम से पानी की निर्भरता होगी खत्म
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