-इंडी गठबंधन के घटक दलों के साथ आदिवासी संगठन भी तैयारी में जुटे
-उलगुलान न्याय महारैली की सफलता के लिए सीएम चंपाई ने भी कमर कसी
रांची। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रभात तारा मैदान में 21 अप्रैल को होनेवाली उलगुलान न्याय महारैली को लेकर तैयारियां जोरों पर है। इसमें इंडी गठबंधन के घटक दलों के साथ-साथ विभिन्न आदिवासी संगठन भी अपने स्तर से तैयारी में जुटे हैं। झामुमो द्वारा आयोजित इस उलगुलान न्याय महारैली में शामिल होने का न्योता इंडी गठबंधन के सभी नेताओं को दिया गया है। झारखंड की राजधानी रांची में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश सिंह, सुनीता केजरीवाल, संजय सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान, लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव सहित 14 राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का जुटान होगा। हालांकि इस उलगुलान महारैली में बंगाल की मुख्यमंत्री भाग नहीं लेंगी, उनकी जगह उनके प्रतिनिधि के तौर पर राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन आयेंगे। जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार चुनावी व्यस्तता की वजह से दक्षिण भारत के भी कई दिग्गज महारैली में शामिल नहीं हो पायेंगे।
हालांकि उन्होंने झामुमो नेतृत्व को यह जानकारी दी है कि महारैली जिन मुद्दों पर आयोजित की जा रही है और आगे जो रणनीति बनेगी, उसमें उनका साथ रहेगा। उलगुलान न्याय महारैली को लेकर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी कमर कस ली है। उन्होंने गुरुवार को अपने आवास पर इंडी गठबंधन के साथ बैठक की है। चंपाई सोरेन ने कहा कि विपक्षी दलों की राज्य सरकारों के खिलाफ एजेंसियों के इस्तेमाल और गलत आरोपों में उन्हें बदनाम करने की रणनीति को देश अच्छी तरह समझ चुका है। लोकसभा चुनाव में जनता जवाब देगी। महारैली को सफल बनाने के लिए इंडी गठबंधन ने समन्वय स्थापित करने के लिए राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय तैयारी और व्यवस्था समिति का गठन किया है। उलगुलान न्याय महारैली में लगभग पांच लाख लोगों को जुटाने का दावा किया जा रहा है। प्रभात तारा मैदान में मुख्य पंडाल आकार पा चुका है। उसकी लंबाई 40 मीटर और चौड़ाई 20 मीटर की होगी। जबकि दो सहायक मंच (30़15) मीटर का होगा। महारैली में शामिल होने वाली जनता और पार्टियों के कार्यकर्ता को भीषण गर्मी में भी थोड़ी राहत मिल सके, इसके लिए 40. 150 मीटर का एक मुख्य और 30़150 मीटर के दो अन्य पंडाल बनाये जा रहे हैं।
पंडाल में और पंडाल के बाहर रहने वाली जनता अपने नेताओं का भाषण सुन सके, उन्हे देख सके, इसके लिए 20 से ज्यादा बड़े-बड़े एलइडी स्क्रीन लगाये जा रहे हैं। रैली को लेकर इंडिया गठबंधन की तरफ से बैठक भी की जा रही है। खुद कल्पना सोरेन कार्यकर्ताओं को आमंत्रित कर रही हैं। मुख्यमंत्री भी अपने स्तर से बैठक कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता भी बयान दे रहे हैं। झामुमो के महासचिव और केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य एक हफ्ते से प्रेस कांफ्रेंस से लेकर टेलीफोन ने नेताओं-कार्यकर्ताओं से संकर्प साध रहे हैं। झामुमो के वरिष्ठ नेता जिला कमेटियों के साथ संपर्क स्थापित कर उन्हें रैली में समर्थकों के साथ आने की हिदायत दे रहे हैं। दरअसल, यह हाल के दिनों में झामुमो की पहली ऐसी रैली होगी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नहीं रहेंगे। उनकी जगह कल्पना सोरेन ने कमान संभाल ली है और वह लगातार कार्यकर्ताओं-नेताओं को आमंत्रित कर रही हैं। कुल मिला कर देखा जाये, तो यह रैली झामुमो की प्रतिष्ठा से जुड़ गयी है।