रांची। लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खड़े होने पर प्रधानमंत्री के बैठे रहने पर झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रिया भट्टाचार्य ने जमकर निशाना साधा है।

भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और दलित गरीब पसंद नहीं है। लाल कृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च सम्मान दिया जा रहा था तो हमारी राष्ट्रपति खड़ी थी और मोदी बैठकर बड़ा ही आह्लादित हो कर देख रहे थे। उन्होंने कहा कि उस समय देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खड़ी थीं। लेकिन लालकृष्ण आडवाणी के बगल में हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी बैठे हुए थे। ये आदिवासी महिला और आदिवासी समाज के लिए अपमान की बात है। यह एक बहुत बड़ी घटना है। यह राष्ट्रपति का अपमान है। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति राष्ट्र के प्रतीक हैं। सर्वोच्च कमान मतलब उनके पास संयुक्त सेना का पावर होता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी संसद भवन के उद्घाटन और राम मंदिर के भूमि पूजन में राष्ट्रपति को नहीं ले जाया गया। क्योंकि राष्ट्रपति आदिवासी हैं। भाजपा आदिवासी समुदाय का सम्मान तो करती नहीं है। कम से कम मोदी को राष्ट्रपति पद का सम्मान कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत रत्न से चौधरी चरण सिंह भी नवाजे गये और उन्हीं के बेटे को भरे मंच पर कैसे अपमानित किया गया। इसे पूरा देश ने देखा है।

भट्टाचार्य सोमवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान हुए विपक्ष की महारैली का जिक्र करते हुए कहा कि ये अहंकारी हैं। इनके अहंकार को खत्म करना था, इसलिए रैली से आंदोलन की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में 21 दिनों तक पर्यावरण विद समाजसेवी एवं सोनल वांगचुक ने भी आंदोलन किया था।

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