-हासिल किया 99.88 परसेंटाइल स्कोर
-झारखंड के 700 विद्यार्थियों ने पायी सफलता
रांची। जेइइ मेंस में झारखंड के करीब 700 विद्यार्थियों ने सफलता पायी है। इसमें देश भर से 56 अभ्यर्थियों ने 100 एनटीए स्कोर प्राप्त किया है, जिसमें झारखंड के प्रियांश प्रांजल भी शामिल हैं। इस उपलब्धि के साथ प्रियांश झारखंड टॉपर भी बने हैं। जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के छात्रों ने एक बार फिर परचम लहराया है। जेवीएम के प्रियांश प्रांजल ने 100 परसेंटाइल अंक हासिल कर आॅल इंडिया में 30वीं रैंक हासिल की है। जेवीएम की दूसरी छात्रा नेहा कुमारी ने 99.53 परसेंटाइल अंक लाकर पूरे देश में 7000वां रैंक हासिल किया है। इस साल जेइइ मेंस की परीक्षा दो सेशन में आयोजित की गयी थी। दूसरे सेशन की परीक्षा में देशभर से 10 लाख से भी ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। रांची से लगभग 10 हजार अभ्ययर्थियों ने परीक्षा दी थी। दूसरी तरफ रांची रेल मंडल के रांची रेलवे स्टेशन पर कार्यरत मुख्य वाणिज्य निरीक्षक दिनेश कुमार के बेटे कुणाल कुमार को सफलता मिली है। मेंस में उन्हें 96.92 परसेंटाइल मिला है। कुणाल ने 12 वीं की पढ़ाई डीएवी कपिलदेव से पूरी की है। कुणाल का कहना है कि अपने लक्ष्य से भटकना नहीं चाहिए। पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिली है । अगला लक्ष्य उनका जेइइ एडवांस है।

सरफराज अंसारी ने भी लहराया परचम
पंचेत रंगामटिया बेनागोड़ियां गांव के लकड़ी मिस्त्री इशाक अंसारी के पुत्र सरफराज अंसारी ने ओबीसी कैटगरी में 4462वां स्थान प्राप्त किया है। पहले ही बार में उसने 98.87 परसेंटाइल प्राप्त कर सफलता हासिल की। सरफराज ने साल 2020 में वैली पब्लिक स्कूल पतलाबाड़ी से मैट्रिक और 2022 में एसएचएमएस कालेज कुमारधुबी से साइंस में 12वीं की पढ़ाई पूरी की है।

कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं: स्टेट टॉपर
स्टेट टॉपर प्रियांश प्रांजल ने कहा कि जो सफलता हासिल की है, उसमें कड़ी मेहनत के अलावा शिक्षकों के साथ माता-पिता का भी अहम योगदान है। वह प्रतिदिन लगभग 12 घंटे पढ़ाई करता था। स्वयं को रिलैक्स रखने के लिए वह पढ़ाई के बीच में सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करता था। प्रियांश के पिता अनूप कुमार सिंह सिविल कोर्ट में कार्यरत हैं। मां स्मिता सुप्रीति गृहिणी हैं। प्रियांश के माता पिता ने वह शुरू से ही मेधावी छात्र रहा है। भरोसा था कि प्रियांश का नाम टॉपर लिस्ट में आयेगा। पिता अनुप कुमार सिन्हा ने बताया कि उन्होंने प्रियांश पर कभी दबाव नहीं डाला कि टॉप ही करना है या 10 घंटे पढ़ाई करनी है। प्रियांश के पिता अनुप कुमार सिन्हा सिविल में कोर्ट में आॅफिस सुपरिटेंडेंट हैं और उनकी माता स्मिता सुप्रिति गृहिणी हैं।

 

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