-लोकपाल के सीबीआइ जांच के आदेश पर रोक, 10 मई को होगी सुनवाई
रांची। दिल्ली हाइकोर्ट ने सोरेन परिवार को बड़ी राहत दी है। संपत्ति से जुड़े मामले में लोकपाल की ओर से सीबीआइ जांच का आदेश दिया गया है। इस आदेश पर दिल्ली हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई 10 मई को होगी, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी।
लोकपाल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को पार्टी के नाम से दो संपत्तियों की जांच का निर्देश दिया था। इस आदेश के खिलाफ जेएमएम ने 4 मार्च को पारित लोकपाल के आदेश को चुनौती दी थी। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के खिलाफ दायर याचिका पर लोकपाल ने आदेश दिया था।
लोकपाल ने सीबीआइ को सोरेन से जुड़ी कथित बेनामी संपत्तियों की छह महीने के भीतर जांच करने का निर्देश दिया था। सोरेन की ओर से कोर्ट में पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि विचाराधीन दोनों संपत्तियां सोरेन की नहीं, बल्कि जेएमएम की हैं। बताया गया कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत विवादित आदेश भारत के लोकपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इस मामले में लोकपाल के आदेश से यह जांच नहीं हो सकती है।
लोकपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर
कानून के तहत जांच केवल एक व्यक्ति के खिलाफ शुरू की जा सकती है, न कि किसी राजनीतिक दल के खिलाफ। सिब्बल ने कहा, जब सीबीआइ अपनी रिपोर्ट में इस निष्कर्ष पर पहुंच गयी है कि संपत्तियां किसी राजनीतिक दल की हैं तो विवादित आदेश अधिनियम के दायरे से बाहर हो जाता है। याचिका में कहा गया कि विवादित आदेश कानून की दृष्टि से गलत है और अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
क्या है मामला
5 अगस्त, 2020 को बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने भारत के लोकपाल के समक्ष शिकायत दर्ज करायी, जिसमें आरोप लगाया गया कि सोरेन ने भ्रष्ट तरीकों से भारी संपत्ति अर्जित की है। लोकपाल के समक्ष कार्रवाई पर सितंबर 2022 में हाइकोर्ट ने रोक लगा दी। इस साल की शुरूआत में सिंगल जज ने सोरेन के खिलाफ भारत के लोकपाल की ओर से शुरू की गयी कार्रवाई में हस्तक्षेप करने से इनकार किया था। एकल पीठ के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में याचिका दायर की गयी थी।