रांची। राज्य सरकार ने बेसरा निशांत राबर्ट पर विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की सहमति से आदेश जारी किया गया है। उनके ऊपर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची में काराधीक्षक के पद पर रहते हुए गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के 21 दिसंबर 2023 को जारी अधिसूचना के आदेश के अनुपालन नहीं करने का आरोप है। जांच में इसे प्रथम दृष्टया सही पाया गया है। इसके बाद बेसरा निशांत के विरुद्ध आरोप पत्र में गठित आरोपों की जांच के लिए झारखंड सरकारी सेवक वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियमावली 2016 के नियम के आलोक में विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है। आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त आइएएस पदाधिकारी विनोद कुमार को जांच संचालन पदाधिकारी नियुक्त् किया गया है। बेसरा निशांत राबर्ट अभी प्राचार्य कारा प्रशिक्षण संस्थान हजारीबाग में कार्यरत हैं। उन्हें 15 दिनों के अंदर अपना लिखित बचाव बयान समर्पित करने को कहा गया है। वहीं, अवर सचिव कारा प्रशिक्षाणलय अरविंद कुमार को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। दरअसल, राज्य सरकार ने तत्कालीन जेल अधीक्षक होटवार बेसरा निशांत राबर्ट को दिसंबर में अपने कार्यो के साथ धनबाद मंडल जेल का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। लेकिन उन्होंने जेल का प्रभार लेने में असमर्थता जतायी थी। कहा था कि धनबाद जेल काफी संवदेनशील है। उन्हें विभागीय कार्यों के केस के लिए कई बार कोर्ट भी जाना पड़ता है। रांची जेल में भी काफी कार्य हैं। हालांकि, सरकार ने इसके बाद उन्हें रांची जेल से हटा कर हजारीबाग कारा प्रशिक्षणालय में भेज दिया था।
बाबूलाल ने समर्थन में किया था ट्वीट
हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उस वक्त निशांत बेसरा राबर्ट के पक्ष में एक ट्वीट भी किया था। जिसमें उन्होंने जेल अधीक्षक की तारिफ करते हुए तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन को कहा था कि होटवार जेल में ईडी के केस में बंद आपके कमाउ चेलों को युवा संताल आदिवासी नये जेल अधीक्षक राबर्ट बेसरा की सख्ती पच नहीं रही है। पहले की तरह यह सुपरिडेंट प्रेम की लीला के मायाजाला में फंस नहीं रहा है और इतना टाइट कर दिया है कि सरकारी मेहमानों को जेल में ही दिन के तारे दिखाई दे रहे हैं।