काठमांडू। नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। यहां मुख्यमंत्री पद पर एक ही पार्टी के दो विधायकों ने दावा पेश किया है। एक राजनीतिक दल में पति-पत्नी के बीच चल रहे विवाद के कारण पहले सरकार गिरी और अब नई सरकार के गठन पर भी उसका असर देखने को मिल रहा है।

इस प्रदेश के राज्यपाल नाजीर हुसैन ने सभी राजनीतिक दलों से एक हफ्ते के भीतर गठबन्धन सरकार बनाने का आह्वान किया। रविवार देररात अंतिम दिन के अंतिम समय पर नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के ही दो विधायकों ने अलग-अलग दलों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस पार्टी के संस्थापक रेशम चौधरी और उनकी पत्नी पार्टी अध्यक्ष रंजीता श्रेष्ठ के बीच चल रहे मनमुटाव का असर सरकार गठन पर दिखने लगा है। रेशम चौधरी ने विपक्षी कांग्रेस सहित सत्तारूढ़ एकीकृत समाजवादी के समर्थन सहित उनके पक्ष के विधायक लक्ष्मण चौधरी ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके ठीक एक घंटे के बाद नागरिक उन्मुक्ति पार्टी की अध्यक्ष रंजीता श्रेष्ठ पक्ष के विधायक कैलाश चौधरी ने भी माओवादी और एमाले के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया ।

राज्यपाल नाजीर चौधरी ने बताया कि इस स्थिति से सरकर गठन का मामला फंस गया है। कानूनी राय लेने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। केन्द्र के गठबन्धन में शामिल एकीकृत समाजवादी ने प्रदेश में विपक्षी नेपाली कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार गठन के लिए अपना समर्थन दिया है। प्रदेश के 54 विधायकों में से सरकार गठन के लिए आवश्यक 28 विधायक का समर्थन चाहिए। रेशम पक्ष के लक्ष्मण चौधरी ने 30 विधायकों के समर्थन सहित सरकार बनाने का दावा पेश किया है। रंजीता चौधरी पक्ष के कैलाश चौधरी ने माओवादी के 10 और एमाले के 10 विधायक सहित एक और स्वतंत्र विधायक के समर्थन के साथ दावा पेश किया है।

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