खूंटी। जेईई मेन्स 2025 के दूसरे सेशन की परीक्षा में खूंटी के कालामाटी स्थित पीएम कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की 15 छात्राओं ने सफलता हासिल की है। इसमें से 10 छात्राएं जेईई एडवांस के लिए जगह बना पाई हैं।

इन छात्राओं का सपना है इंजीनियर बनना
जिन छात्राओं ने जेईई एडवांस में सफलता हासिल की है, उनमें महिमा कुमारी (84। 76 पर्सेंटाइल), दिव्या कुमारी (81। 30 पर्सेंटाइल), सिमरन कुमारी (80। 63 पर्सेंटाइल), ललिता पूर्ति (68। 41 पर्सेंटाइल), सुबोधिनी कुमारी (65। 65 पर्सेंटाइल), चांदू टूटी (64। 79 पर्सेंटाइल), प्रमिला टूटी (57। 46 पर्सेंटाइल), जांबी टूटी (62। 64 पर्सेंटाइल) सुषमा कुमारी (51। 09 पर्सेंटाइल) और अर्चना कुमारी (48। 97 पर्सेंटाइल) शामिल हैं।

इससे पहले के प्रथम सेशन में कुल 18 छात्राओं ने सफलता हासिल की थी। सफल छात्राएं जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की है। लगभग सभी छात्राएं गरीब या किसान परिवार से हैं। छात्राओं ने कहा कि अब उनका लक्ष्य बेहतर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेना है और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी है।

संपूर्ण शिक्षा कवच से छात्राओं ने क्रैक किया जेईई
जिला प्रशासन द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में संपूर्ण शिक्षा कवच अभियान के तहत छात्राओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी करायी जाती है। योजना के तहत छात्राओं को डिजिटल शिक्षा सहायता, व्यत्तिगत मार्गदर्शन और मॉडल टेस्ट श्रृंखला के माध्यम से तैयार किया जा रहा है। छात्राओं के सफलता पर जिला प्रशासन और स्कूल प्रबंधन ने खुशी जाहिर की है। साथ ही छात्राओं को शुभकामनाएं भी दी।

सफल छात्राएं हिंदी मीडियम जैक बोर्ड से अपनी पढ़ाई कर यहां तक पहुंची हैं। संपूर्ण सुरक्षा कवच के तहत जिला प्रशासन ने जेईई के लिए उत्तम कोचिंग की व्यवस्था विद्यालय में ही कर रखी है। छात्राओं को दिन रात पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल और बिजली की व्यवस्था दी जाती है। पावर कट की समस्या होने पर जेनरेटर की सुविधा भी बहाल की गई है।

ऑफलाइन शिक्षण व्यवस्था के साथ साथ ऑनलाइन क्लास की भी व्यवस्था है। इससे छात्राएं राष्ट्रीय स्तर के शिक्षकों से ऑनलाइन पढ़ाई कर अपने विषय के सभी डाउट क्लियर कर लेती हैं। पीएम श्री कस्तूरबा गांधी विद्यालय कालामाटी ने लगातार चौथी बार जेईई मेन्स और एडवांस में अपनी जगह बनाने में सफल रही।

छात्राओं ने बताया कि जब उन्हें जेईई की तैयारी कराई जा रही थी तो उन्हें जेईई परीक्षा क्या होता है, जेईई पास कर आगे क्या कर सकते हैं, इसकी जानकारी भी नहीं थी लेकिन बेहतर कोचिंग सुविधा और ऑफलाइन-ऑनलाइन पढ़ाई ने बेहतर भविष्य का मार्ग दिखाया।

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