रांची। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो चुका है, लेकिन निजी विद्यालयों की मनमानी पर अब तक लगाम नहीं लगी है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि री-एडमिशन फीस के नाम पर अभिभावकों से भारी-भरकम राशि वसूली जा रही है। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट निर्देश के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

कई निजी स्कूल अब भी खुलेआम अभिभावकों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। आखिर कब तक शिक्षा के नाम पर यह व्यापार चलता रहेगा? क्या सरकार केवल निर्देश देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेगी, या कोई ठोस कार्रवाई भी होगी?

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