रांची। झारखंड में खेल विभाग के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर बेरोजगार युवाओं से 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। इस संबंध में चास निवासी धीरज कुमार सिंह ने रांची के लालपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें शेखर कुमार नामक व्यक्ति पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

■ खुद को रसूखदार बताकर युवाओं को दिया झांसा
धीरज के अनुसार, शेखर खुद को सरकार के शीर्ष अधिकारियों और सत्ताधारी दल के नेताओं का करीबी बताकर युवाओं का भरोसा जीतता था। वह खेल विभाग का लोगो, मोनोग्राम और लेटरहेड इस्तेमाल कर सीधे नियुक्ति का झांसा देता था। धीरज ने बताया कि अगस्त 2024 में उनकी मुलाकात शेखर से रांची सर्किट हाउस में हुई थी, जहां शेखर ने दावा किया कि वह खेल सचिव के साथ मिलकर 100 युवाओं को सीधी नियुक्ति दिलवा सकता है। इसके लिए प्रति उम्मीदवार 30 लाख रुपये की मांग की गई थी।

■ ईमेल से फर्जी नियुक्ति, फिर रद्दीकरण की सूचना
शेखर ने कई युवाओं को खेल मंत्रालय के फर्जी नियुक्ति पत्र दिए। उसने पहले ईमेल के जरिए नियुक्ति की सूचना भेजी और फिर कुछ समय बाद एक दूसरा ईमेल भेजकर नियुक्ति रद्द होने की जानकारी दी, जिससे पूरी प्रक्रिया वास्तविक लगे।

■ बड़ी धनराशि की ठगी, सबूत भी सौंपे गए
धीरज ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के तीन सदस्यों की नौकरी के लिए शेखर के खाते में 7 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके अलावा, सत्येंद्र यादव ने 7.5 लाख रुपये और दुर्गा प्रसाद ने अपने तीन बेटों के लिए 17 लाख रुपये चेक से दिए। धीरज ने पुलिस को पैसे ट्रांसफर की रसीदें और फर्जी नियुक्ति पत्र भी सबूत के तौर पर सौंपे हैं।

लालपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी शेखर कुमार फिलहाल फरार बताया जा रहा है।

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