रांची। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार देश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों का उत्थान करना चाहती है तो केंद्र सरकार को इसे लेकर कानून बनाना चाहिए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय में साेमवार काे आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र को अनुसूचित जनजाति उप योजना और अनुसूचित जाति उप योजना की मजबूती पर काम करना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एसटीपी और एससीएसपी का मूल उद्देश्य अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास में तेजी लाना है। ताकि, समाज के अन्य हिस्सों की तुलना में विभिन्न विकास के मापदंडों के अंतर को पाटा जा सके। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 1975-76 और 1979-80 में उप योजना शुरू कर इसके माध्यम से इन समुदायों के लिए आय का अवसर दिया।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एससी-एसटी के अधिकारों को वृहद स्वरूप देने के बजाय उनके बजट में कमी कर रही है। वर्तमान बजट में केंद्र सरकार ने एससी एसटी के बजट में क्रमश: 3.4 और 2.6 प्रतिशत का आवंटन किया है। इससे अनुसूचित जाति को 11.70 लाख करोड़ और अनुसूचित जनजातियों को 5.57 लाख करोड़ के बजट का नुकसान हुआ है।

चुनाव के कारण नहीं बना कानून : किशोर
वहीं वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि एससी एसटी की उप योजना को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि यूपीए के शासन में दोनों योजनाओं पर कानून बनाने की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन 2014 के चुनाव के कारण यह संभव नहीं हो पाया। अनुसूचित जाति जनजाति उप योजना के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों को जवाबदेह बना सकती है। वित्तीय वर्ष 2021 से 2024 के तीन वित्तीैय वर्षों में केंद्र ने झारखंड को अनुसूचित जनजाति उप योजना के तहत 3515.11 करोड़ और अनुसूचित जाति उप योजना में 2475.49 करोड़ रुपए दिए थे, जबकि यह राशि कम से कम 10 हजार करोड़ रुपए होनी चाहिए। विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि टीएसपी एससीएसपी के पैसे से पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने ग्लोबल सम्मिट कराया और एयरपोर्ट का ग्रीन कॉरिडोर बनाया। यह आदिवासी समुदाय के अधिकारों का हनन है। मौके पर पार्टी के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, अध्यक्ष सतीश पॉल मुंजनी, प्रवक्ता सोनाल शांति सहित अन्य उपस्थित थे।

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