नई दिल्ली। वायनाड की सांसद एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पिछले साल उनके निर्वाचन क्षेत्र में हुए विनाशकारी भूस्खलन से प्रभावित लोगों के कर्ज माफ न करने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने सरकार के इस फैसले को विश्वासघात करार दिया है। प्रियंका का यह बयान केंद्र सरकार के उस हलफनामे के बाद आया है, जो सरकार द्वारा केरल हाई कोर्ट में दिया गया है।

प्रियंका ने अपनी नाराजगी का जाहिर करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “वायनाड भूस्खलन के पीड़ितों ने सब कुछ खो दिया है—घरों, जमीन, आजीविका। फिर भी, सरकार एक भी ऋण माफी देने से इनकार कर रही है। इसके बजाय, उन्हें केवल ऋण पुनर्निर्धारण और पुनर्गठन मिल रहा है। यह राहत नहीं है। यह एक धोखा है। हम इस उदासीनता की कड़ी निंदा करते हैं और वायनाड के अपने भाइयों और बहनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उनके दर्द को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा—हम हर मंच पर उनकी आवाज उठाएंगे जब तक न्याय नहीं मिल जाता।”

गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा है कि ऋणों को केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राकृतिक आपदाओं के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत पुनर्निर्धारित या पुनर्गठित किया जाएगा। इस पुनर्गठन में भारतीय रिजर्व बैंक के मास्टर निर्देशों के अनुसार एक साल की मोहलत और नए ऋण शामिल होंगे। यह निर्णय पिछले साल 19 अगस्त को केरल के राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक के बाद लिया गया, जिसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रभावितों के लिए राहत उपायों पर चर्चा की।

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