रांची। हाइकोर्ट से राहत मिलने के बाद डॉ. राजकुमार ने मंगलवार को एक बार फिर रिम्स निदेशक का कार्यभार संभाल लिया। सुबह 9:15 बजे कार्यालय पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले एमआरआई मशीन की खरीद से जुड़े मामले में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी द्वारा जीबी बैठक में लिए गए निर्णय को पलट दिया। उन्होंने टेंडर प्रक्रिया में चयनित एजेंसी को लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) जारी करने का आदेश दे दिया। डॉ. राजकुमार ने स्पष्ट किया कि मशीन की खरीद की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी और संबंधित एजेंसी से समझौता पहले ही हो चुका था। उन्होंने कहा, “यह कैबिनेट का निर्णय था, जिसे रोका नहीं जा सकता। बैठक में केवल मंत्री सहमत नहीं थे, बाकी किसी सदस्य को आपत्ति नहीं थी।

रिम्स में कई बड़े फैसले लिए
कार्यभार संभालने के साथ ही डॉ. राजकुमार ने रिम्स परिसर में आम जनता की सुविधा के लिए एसबीआई के सामने बने बंद गेट को खोलने का निर्देश दिया। गंभीर मरीजों को ले जाने वाले एंबुलेंस को लंबी दूरी न तय करनी पड़े, इसके लिए दुर्गा मंदिर के सामने मुख्य द्वार को पूरी तरह तोड़ने और नया गेट बनने तक एसबीआई के पास वाले गेट को खुला रखने का आदेश दिया गया। शाम चार बजे यह गेट खोल दिया गया।

डॉक्टरों को मिला प्रमोशन का तोहफा
निदेशक ने डॉक्टरों के हित में भी बड़ा कदम उठाया। 2024 में जिन 100 से अधिक डॉक्टरों के प्रमोशन इंटरव्यू हुए थे, उनकी सूची लंबे समय से लंबित थी। मंगलवार को डॉ. राजकुमार ने संबंधित फाइल मंगाई, जरूरी त्रुटियां सुधारवाकर शाम चार बजे 87 डॉक्टरों की प्रमोशन सूची जारी कर दी।

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