अररिया। अररिया जिला पुलिस ने अंतरजिला ठग गिरोह के दो सदस्यों को सहरसा से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से दो मोबाईल,सफेद रंग का ऑल्टो कार,एसबीआई,एचडीएफसी बैंक के एटीएम कार्ड आदि बरामद किए हैं।जानकारी शुक्रवार को एसपी अंजनी कुमार ने अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

एसपी ने बताया कि इसी साल 12 मार्च को पूर्णिया के जलालगढ़ थाना क्षेत्र के दनसार वार्ड संख्या 10 निवासी पूजा देवी पति-हरिनंदन पासवान ने नगर थाना में एक शिकायत दर्ज कराया था।जिसमें उन्होंने रिवर फाइनेंस लिमिटेड नामक प्राईवेट कंपनी के द्वारा 76 हजार रूपये लोन देने के नाम पर बहुत सारे लोगों से 25 -25 सौ रूपये की ठगी करते हुए लगभग 10 लाख रूपये की राशि की ठगी कर लेने की बात कही थी।आवेदन में पूर्णिया के जलालगढ़ एवं अररिया के विभिन्न गांवों के 25 ग्रुप के लगभग तीन सौ सदस्यों से ग्रुप लोन देने के नाम पर ठगी की बात कही गई थी। आवेदन में तीन को नामजद किया गया था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अंजनी कुमार ने अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी रामपुकार सिंह के नेतृत्व में डीआईयू एवं थानाध्यक्ष, अररिया के साथ एक छापामारी दल का गठन करते हुए ठगी का जल्द उद्भेदन करने का निर्देश दिया गया। वैज्ञानिक अनुसंधान एवं आसूचना संकलन करते हुए ठगी में शामिल गिरोह का पता लगाया तथा ठगी में शामिल दो अभियुक्तों को सहरसा जिला से पकड़ा गया।

गिरफ्तार ठग में मधेपुरा के ग्वालपाड़ा के 30 वर्षीय जयराम कुमार पिता सुरेश साह, मधेपुरा के शंकरपुर के 29 वर्षीय सुनिल कुमार पिता लक्ष्मण साह को गिरफ्तार किया गया।जिन्होंने पूछताछ में इस कांड में अपनी संलिप्ता स्वीकार की है। इनके पास से घटना के समय प्रयुक्त किये 02 मोबाईल एवं 01 आल्टो कार बरामद किया गया है। पकड़े गये आरोपितों के अकाउंट को तुरंत फ्रिज कराया गया है।एसपी ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्य भी चिन्हित कर लिया गया है।जिनकी गिरफ्तारी शीघ्र सुनिश्चित की जाएगी।

अररिया में एडीबी चौक पर स्टेट बैंक के बगल में रिवर फाईनेंस लिमिटेड नाम से एक ऑफिस बनाया गया था, जहां से गांव गांव घुमकर लोन देने के नाम पर प्रोसेसिंग शुल्क लेकर खाता खोला जाता था और निश्चित तारीख को लोन के लिये बुलाते थे। निश्चित तारीख से पहले ही ये लोग ठगी कर भाग जाते थे। एसपी ने बताया कि इनलोगों को किराये पर ऑफिस देने वाले मकान मालिक की भी भूमिका की जांच की जा रही है। तकनीकी अनुसंधान में इन लोगों के द्वारा संचालित ऐसे कई ग्रुप का पता चला है, जो विभिन्न जिलों में संचालित था एवं इनके द्वारा ठगी का काम किया गया है। अन्य जिलों से भी इस संदर्भ में संपर्क कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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