नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कचरा प्रबंधन के महत्व पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि इसके लिए पांच जून से देश के 4,000 शहरों में कचरा पृथक्करण का व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा। मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में कहा, हमें कचरे को अपशिष्ट के तौर पर नहीं देखना चाहिए, यह संपदा है, संसाधन है। जब हम इसे संपदा के तौर पर देखना शुरू करेंगे तो हम अपशिष्ट प्रबंधन के नए तरीकों को ईजाद कर पाएंगे।
उन्होंने कहा, सरकार पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश के 4,000 शहरों में कचरा संग्रह के लिए व्यापक अभियान शुरू करेगी।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के तहत इन शहरों में अलग-अलग कूड़ेदान लगाए जाएंगे। तरल अपशिष्ट के लिए हरा और सूखे कचरे के लिए नीला कूड़ेदान होगा।
मोदी ने कहा, हरे कूड़ेदान में रसोईघर के कचरे जैसे तरल कचरे रखें और नीले कूड़ेदान में धातु, टूटे हुए बक्से, प्लास्टिक आदिर डालें। तरल कचरे का इस्तेमाल कृषि में खाद के तौर पर किया जा सकता है, जबकि सूखे कचरे का पुनर्चक्रण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि हम कचरे को पृथक करने की आदत विकसित कर सकते हैं और प्रभावी कचरा प्रबंधन में योगदान दे सकते हैं।