श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की हवा में जहर घोलने के लिए अलगाववादी पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों से फंडिंग करते हैं । इस बात का खुलासा होने बाद से ही जाँच एजेंसियों ने अलगाववादियों के खिलाफ जांच का शिकंजा कसना शुरू कर दिया । वहीँ अपने खिलाफ एनआईए जांच से जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठन बुरी तरह बौखलाए हुए हैं। जांच का सामना न करना पड़े इस लिए वह कहते दिख रहे हैं कि उनके पाकिस्तान के साथ कैसे भी संबंध नहीं है ।
विगत दिनों एक चेनल के स्टिंग आपरेशन में खुलासे में यह बात सामने आई थी कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को विदेशों से मिल रही फंडिंग में पाकिस्तानी आतंकी संठगन भी है जो जम्मू कश्मीर में दहशत और शांति को बिगाड़ने के लिए इस अलगाववादियों को फंड देते आ रहे हैं। चेनल के खुलासे के बाद सरकार द्वारा मामले की एनएआई से जांच कराने के आदेश से जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठन आग बबूला हो गये हैं।
बतादें कि एक चेनल ने सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले धड़े के सदस्य नयीम खान का स्टिंग किया था जिसमें नईम ने इस बात का खुलासा किया था कि गिलानी समेत अन्य अलगाववादियों ने घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से बड़े स्तर पर फंड मिलता है। इस खुलासे के बाद से पूरे मामले की जाँच के लिए एनआईए ऐक्टिव हो गई है। साथ ही पूरे मामले पीआई भी दर्ज कर ली है।
वहीँ एनआईए जांच से कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत (गिलानी धड़े) के प्रवक्ता अयाज अकबर ने लश्कर-ए-तैयबा से संबंध की बात खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि हमारे किसी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है। एनआईए पहले भी मोहम्मद अशरफ शेहराय सहित कई खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ कर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनआईए पूछताछ के नाम पर शोषण करती है।