धनबाद/भगतडीह: जमीन के अंदर करीब सौ साल से सुलग रहे कोयले के कारण झरिया में खोखली हो रही जमीन लगातार धंस रही है। बुधवार की सुबह एक गैराज में जमीन धंस गयी, जिसमें बाप-बेटा जिंदा दफन हो गये। 85 डिग्री सेल्सियस तापमान होने के कारण जब रेस्क्यू टीम पीछे हट गयी, तो भीड़ ने पथराव कर दिया। बाद में वहां पुलिस और प्रशासनिक अधिकार मौके पर पहुंचे। नगर निगम से दो जेसीबी मंगा कर 10.30 बजे रेस्क्यू शुरू किया गया।
घटना झरिया शहर के इंदिरा चौक के नजदीक फुलारीबाग में बुधवार की सुबह साढ़े सात बजे की है। अचानक गोफ बन गया। गड्ढे का व्यास लगभग छह फीट एवं गहराई 35-40 फीट है। इस गोफ में गैराज मिस्त्री बबलू गद्दी (40 साल) और उनका बेटा रहीम (12 साल) समा गये।
सूचना पर पुलिस और प्रशासिनक अधिकारी पहुंचे। गोफ वाले स्थल पर 85 डिग्री सेल्सियस तापमान होने के कारण रेस्क्यू टीम को परेशानी हुई। सुबह 9.30 बजे टीम के पीछे हटने पर लोग भड़क गये और पथराव कर दिया। झरिया सीओ, डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह मौके पर पहुंचे। गुस्सायी महिलाओं ने कैमरा और मोबाइल से वीडियो और फोटो लेने वालों को खदेड़ दिया। इसके बाद आवागमन ठप कर दिया गया। सुबह 10.30 बजे सिटी एसपी अंशुमन कुमार और एसडीओ राकेश कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद जेसीबी से रेस्क्यू शुरू कराया। खबर लिखे जाने तक बाप-बेटे का पता नहीं चला है।
जोरदार आवाज के साथ धंसी जमीन
प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि रहीम गैराज खोल कर झाड़ू लगा रहा था और बबलू टेंपो की मरम्मत कर रहा था, तभी यह घटना हुई है। अचानक जमीन जोरदार आवाज के साथ धंसी। गोफ बनते ही रहीम जमीन के अंदर चला गया। पिता बबलू ने उसे हाथ पकड़ कर बचाने का प्रयास किया, तो वह भी गोफ में समा गया। घटना बुधवार को सुबह साढेÞ सात बजे की है। नगर निगम से दो जेसीबी मंगा कर 10.30 बजे रेस्क्यू शुरू किया गया, एक बजे दोपहर तक काफी मिट्टी हटाने के बाद भी बाप बेटे का पता नहीं चल पाया। सुशील आउटसोर्सिंग से बड़ी जेसीबी मंगा कर खुदाई की जा रही है। एसडीओ राकेश कुमार एवं सिटी एसपी अंशुमन भी मौके पर पहुंचे। पिता-पुत्र को निकालने की कोशिशें हो रही हैं।
बबलू को जरेडा के तहत आवंटित है आवास
गैराज मिस्त्री बबलू जरेडा के तहत झरिया से विस्थापित है। उसके पास जरेडा कार्ड भी है। उसको बेलगढ़िया में आवास भी आवंटित है, लेकिन आवास को भाड़ा पर लगा कर बबलू फुलारीबाग में गैराज मिस्त्री का काम करता था और गैराज के पीछे घर बना कर रह रहा था।
मुख्यमंत्री ने दो-दो लाख देने की घोषणा की
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झरिया दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति की कामना की। शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना जतायी। उन्होंने आर्थिक सहायता के रूप में दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है।