नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए निर्भया गैंग रेप और हत्याकांड के चार दोषियों को फांसी की सजा को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने चारों आरोपियों अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस बर्बरता के लिए माफी नहीं दी जा सकती है।
जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मेरा और जस्टिस अशोक भूषण का इस मामले में एक मत है लेकिन जस्टिस भानुमति का अलग मत है।
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा फांसी की सजा पाए दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने फैसला सुनाया है।
छोड़ा जा चुका है नाबालिग को : मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह की अपीलों पर 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। चारों ने 13 मार्च, 2014 को उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराये जाने और सुनाई गयी मौत की सजा के खिलाफ अपील की थी। इन चारों के अलावा दो और दोषी थे। इनमें से एक (राम सिंह) ने सुसाइड कर लिया था और दूसरा नाबालिग था, जिसको जिवेनाइल एक्ट के तहत छोड़ दिया गया था।
क्या है मामला: साल 2012 में 16 दिसंबर की रात को 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में जघन्य तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उसे उसके एक दोस्त के साथ बस से बाहर फेंक दिया गया था। उसी साल 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में लड़की की मौत हो गयी थी।