रांची: खिलाड़ी देश के हीरो होते हैं। सरकार की ओर से प्रोत्साहन के लिए उन्हें आर्थिक मदद से लेकर कई तरह की सुविधाएं दी जाती है, लेकिन देश के लिए गोल्ड मेडल तक जीतने वाली मनीषा कुमारी इन सब से वंचित है। अब तो वह सड़क पर आ गयी है। वह नीलांचल कंपाउंड, पिस्का मोड़ स्थित किराये के मकान के बाहर खुले आकाश के नीचे रहने को मजबूर है। मनीषा का कहना है कि उसने मकान मालिक महाराज सिंह को घर के निर्माण कार्य कराने के एवज में हजारों रुपये दिये हैं। समय-समय पर किराया भी दिया है, बावजूद इसके बगैर समय दिये बेइज्जत कर घर से बाहर सामान सहित फेंक दिया गया है।

पैसा नहीं लिया : इंद्रा
घर की आॅनर इंद्रा और उनके वकील केके शरण ने बताया कि मनीषा से मकान बनाने के एवज में किसी भी तरह का पैसा नहीं लिया गया है। स्वयं घर खाली नहीं करने की स्थिति में मजिस्टेट नियुक्त कर प्रशासन द्वारा घर खाली कराया जा रहा है।

दंडाधिकारी ने दिये पैसे
अनुमंडल कार्यालय सदर के मजिस्ट्रेट रविशंकर का कहना है कि समय दिये जाने के बाद भी घर खाली नहीं करने पर मकान मालिक को पोजिशन दिलाया गया है। उन्होंने बताया कि मनीषा का सामान बर्बाद न हो इसलिए उन्होंने स्वयं एक हजार रुपये का बोरा मंगवाया है। सामान को सुरक्षित उनके बताये स्थान पर रखवाया गया है, फेंका नहीं गया।

नोटिस नहीं मिला
मनीषा कुमारी के भाई संतोष दीपक का कहना है कि घर खाली करने के लिए प्रशासन की ओर से न तो नोटिस भेजा गया और न ही अपील का समय दिया गया।

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