“सहारनपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने आज उत्तरप्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब की है। एक महीने से रुक-रुक कर जारी जातीय हिंसा में अभी तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हैं। ”

पीटीआई के मुताबिक आज केंद्र सरकार ने उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से सहारनपुर हिंसा को लेकर रिपोर्ट मांगी है। 5 मई को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दो जातीय समुदायों के बीच महाराणा प्रताप शोभायात्रा को लेकर संघर्ष हुआ। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हुए थे। इस दौरान दलितों के करीब 60 घर भी जला दिए गए थे।

इसके बाद 23 मई को फिर दोनों गुटों में संघर्ष हुआ जिसमें एक और व्यक्ति की मौत हो गई थी। 24 मई को एक बार फिर जातीय संघर्ष देखने को मिला जिसमें तीन लोग घायल हो गए।

सहारनपुर में हिंसा की शुरुआता 20 अप्रैल को सड़क दूधली से हुई थी। इस मामले में स्थानीय भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा के खिलाफ भी सहारनुपर के तत्कालीन एसएसपी लवकुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

24 मई को ही इस मामले में यूपी सरकार ने सहारनपुर के डीएम और एसएसपी को हटाने के आदेश दिए थे। सहारनुन में 25 मई को इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं भी रोक दी गई हैं।

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