रांची। लोकसभा चुनाव के पांचवें और झारखंड के दूसरे चरण के मतदान में सोमवार को राज्य की चार सीटों पर 64.23 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले संसदीय चुनाव में इन चार सीटों पर 63.85 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस लिहाज से इस बार अधिक वोट पड़े हैं। इन चार सीटों में सर्वाधिक मतदान (65.70 प्रतिशत) कोडरमा में हुआ, जबकि सबसे कम वोट (62.91 प्रतिशत) हजारीबाग में पड़े। रांची में 63.38 प्रतिशत और खूंटी में 65.22 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछली बार कोडरमा में 62.51, हजारीबाग में 63.69, रांची में 63.68 और खूंंटी में 66.34 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान के दौरान इक्का-दुक्का घटनाओं को छोड़ कर कहीं से किसी अप्रिय वारदात की सूचना नहीं मिली। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल ख्यांगते ने मीडिया को बताया कि सभी इवीएम को मतगणना स्थलों पर बनाये गये वज्र गृहों तक पहुंचाया जा रहा है। इनकी सुरक्षा के लिए कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। तीसरे चरण में राज्य की चार सीटों, चाईबासा, जमशेदपुर, गिरिडीह और धनबाद में 12 मई को मतदान होगा, जबकि संथाल की तीन सीटों, दुमका, गोड्डा और राजमहल में 19 मई को वोट डाले जायेंगे।
पहले चरण की तरह इस चरण के मतदान के दौरान मौसम साफ रहा। तीखी धूप में भी मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें लगी रही। बड़ी संख्या में मतदाता अपने घरों से निकले और लोकतंत्र के उत्सव में शामिल होते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सोमवार को भारी सुरक्षा के बीच निर्धारित समय सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, जो शाम चार बजे तक चला। समय खत्म होने के बाद मतदान केंद्र परिसर में जमा मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति दी गयी। यह सिलसिला करीब छह बजे तक चला। उसके बाद सभी इवीएम को सील कर स्ट्रांग रूम तक पहुंचाया जाने लगा।
मतदान की शुरुआत में कुछ बूथों पर इवीएम और वीवीपैट मशीनों की खराबी की शिकायत आयी, लेकिन समय पर उन्हें दुरुस्त कर मतदान शुरू कराया गया। मतदान के बाद कुल 61 उम्मीदवारों के भाग्य इवीएम में कैद हो गये। इस तरह झारखंड में आधी अर्थात कुल सात सीटों पर मतदान संपन्न हो गया। पहले चरण में 29 अप्रैल को पलामू, चतरा तथा लोहरदगा में मतदान संपन्न हुआ था।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल खयांग्ते ने कहा कि मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण हुआ है। उन्होंने कहा कि मॉक पोल के दौरान गड़बड़ी पाये जाने पर 47 बैलेट, 46 कंट्रोल तथा 106 वीवीपैट यूनिटें बदली गयीं। इससे इतर चुनाव के दौरान आयी तकनीकी खराबी के कारण क्रमश: 47, 35 तथा 218 बैलेट, कंट्रोल और वीवीपैट यूनिटें बदली गयीं।
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