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इस्लामाबाद। पाक सरकार ने लाहौर के 11 संगठनों पर बैन लगाया है। इन पर आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा से जुड़े होने का आरोप है। जैश सरगना मसूद अजहर को हाल ही संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है। जमात-उद-दावा सरगना हाफिज सईद 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है।
पुलवामा हमले के बाद भारत-पाक के बीच बढ़ा तनाव
फरवरी में हुए पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी। इसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसके बाद भारत-पाक के बीच तनाव पैदा हो गया था। पाक सरकार ने फरवरी में ही जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर भी बैन लगाया था।
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान और मंत्री एजाज शाह के बीच शुक्रवार को मीटिंग हुई। इस दौरान 11 संगठनों पर बैन लगाने का फैसला लिया गया। इमरान ने पहले ही कहा था कि वे किसी भी हालत में पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं करने देंगे। पाकिस्तान नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी के मुताबिक, बैन किये गये संगठनों में अल-अनफाल ट्रस्ट, इदारा खिदमत-ए-खलाक, अल-दावत उल इरशाद, मॉस्क एंड वेलफेयर ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन, मज-बिन-जबेल एजुकेशन ट्रस्ट और अल-हमद ट्रस्ट का नाम शामिल है। सभी संगठन लाहौर के हैं। इन सात संगठनों के अलावा लाहौर के अल-फजल फाउंडेशन/ट्रस्ट और अल-इजर फाउंडेशन, बहावलपुर के अल-रहमत ट्रस्ट संगठन और कराची के अल-फुरकान ट्रस्ट को भी बैन किया गया है। हाल ही में सरकार ने बताया कि 30 हजार से ज्यादा मदरसों को नियंत्रण में लिया गया है। पाक सरकार के आंतरिक मंत्रालय के अंतर्गत यह अथॉरिटी काम करती है। संगठनों पर बैन की कार्रवाई पाक सरकार के 2015 के नेशनल एक्शन प्लान के तहत की गयी। इसके मुताबिक, देश से कट्टरपंथियों और आतंकियों को बाहर करने की बात कही गयी थी।