एजेंसी
नयी दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने लगभग दो महीने पहले पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था, मगर पाकिस्तान अब भी उसे नहीं भूल सका है। वह बुरी तरह डरा हुआ है। इसका सबूत यह है कि तनाव को कम करने की पहल करने की बजाय पाकिस्तान ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शकरगढ़ में तीन सौ टैंकों की तैनाती की है। 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी सेना के एक बड़े हिस्से को सीमा पर तैनात किया था। अब बेशक उसने सीमा पर अपनी सेना को कम कर दिया है। इसके बावजूद उसकी तीन ब्रिगेड- 124 बख्तरबंद ब्रिगेड, 125 बख्तरबंद ब्रिगेड और आठ और 15 डिविजन की तैनाती जारी है।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की 30 कोर होल्डिंग संरचनाओं का साथ एक स्वतंत्र बख्तरबंद ब्रिगेड दे रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार इनफैंट्री यूनिट्स आक्रामक गठन तत्व का साथ दे रही हैं। यह सैन्य निर्माण कथित तौर पर पुलवामा हमले के बाद शुरू हुआ।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में स्थित जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग से गुजर रहे सीआरपीएफ के काफिले को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने निशाना बनाया था। इस घटना में 40 जवान शहीद हो गये थे। पूरी दुनिया ने इस हमले की निंदा की थी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना का कहना है कि उसने आक्रामक गठन-1 और दो कॉर्प्स को वापस नहीं बुलाया है। हालांकि शकरगढ़ पर तैनात हो रहे टैंक चिंता का विषय हैं। फरवरी में दोनों देशों के बीच हवाई युद्ध हो चुका है।

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