आजाद सिपाही संवाददाता
गढ़वा/ बंशीधर नगर। पिछले कई वर्षों से बिजली की समस्या जूझ रहे गढ़वा जिले के वासियों के धैर्य का बांध उस वक्त टूट पड़ा, जब पिछले लगभग एक हफ्ते से जिले में 24 घंटे के दौरान मुश्किल से दो घंटे बिजली की आपूर्ति इस भीषण गर्मी में लोड शेडिंग के द्वारा की जाने लगी। 45 डिग्री सेल्सियस पार यहां की भीषण गर्मी में जब रातभर बच्चे बूढ़े सभी व्याकुल होने लगे तभी शहर के लोग बिना किसी नेतृत्व के हाथों में डंडा लिये सड़क पर उतर आये। जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के विरूद्ध नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय में रंका मोड़ से लेकर मझिआंव मोड़ तक सड़क को जाम कर गढ़देवी मोड़ के समीप धरना पर बैठ गये। इस दौरान छह बजे सुबह से एक बजे दिन तक लगभग सात घंटे तक एनएच 75 एवं एनएच 343 जाम रहा। जिसके कारण गढ़वा से छत्तीसगढ़, उतर प्रदेश एवं बिहार जाने वली सभी छोटे-बड़े वाहन जाम में फंसे रहे। दूरदराज से आये यात्रियों का हाल बुरा रहा। इस दौरान आंदोलनकारियों से बात करने आये विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता को शहरवासी छह घंटे तक बंधक बनाये रखा। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। शहरवासियों का कहना था कि जिले के वरीय पदाधिकारी धरना स्थल पर आएं और शहरवासियों को लिखित आश्वासन दें कि वे कितने घंटे तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति करेंगे। इस दौरान छिटफूट दुकानो को छोड़कर सभी दुकानें इस आंदोलन के समर्थन में बंद रहीं। इस दौरान धरना स्थल पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी प्रदीप कुमार, एसडीपीओ ओमप्रकाश तिवारी एवं इंस्पेक्टर अनिल कुमार सदल बल के साथ पहुंचे जिन्हें शहरवासियों के आक्रोष का सामना करना पड़ा। षहरवासियों का कहना था कि जनप्रतिनिधियों के लापरवाही के कारण आज तक गढ़वा को हटिया ग्रिड से जोड़ा नहीं जा सका। इसके अलावा राज्य स्तर पर गढ़वा में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए अभी तका कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है। इधर शहरवासियों के द्वारा बंधक बनाए गए विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने अपनी लाचारी ब्यान करते हुए लोगों से कहा कि वे क्या करें। जितनी बिजली मिलती है उतने में ही लोड शेडिंग कर गांव और शहर के सभी फिडरों से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि गढ़वा शहर के लिए 20 से 25 मेगावाट बिजली की आवश्यक्त है लेकिन बिजली आठ से 10 मेगावाट भी नियमित नहीं मिल रही है। इसपर झलाए शहरवासी जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की उन्हें खूब भला बुरा कहा। बाद में काफी मशक्त के बाद सड़क जाम कर रहे आंदोलनकारियों को मनाने में एसडीओ सफल रहे और उनके लिखित आश्वासन के बाद दोपहर एक शहर के लोगों ने आंदोलन समाप्त किया। जिसमें जिला मुख्यालय में आठ से दस घंटे नियमित आपूर्ति कुछ घंटों के अंतराल के बाद बिजली आपूर्ति किए जाने का आश्वासन बिजली विभाग के द्वारा दिया गया।