एजेंसी
नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव में 49 विधायक, दो विधान परिषद सदस्य और चार राज्यसभा सांसदों ने जीत हासिल की है। इससे आने वाले कुछ महीनों में चुनाव आयोग को 16 राज्यों में उपचुनाव कराना पड़ सकता है। इस सूची में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है, जहां 11 विधायक सांसद बने हैं। बिहार में पांच विधायक और दो विधान परिषद सदस्य सांसद चुने गये हैं।
कुल 41 विधानसभा सीटों और दो विधान परिषद सदस्य पदों के लिए अगले छह महीने के अंदर चुनाव होंगे, क्योंकि नये चुने गये सांसदों को इस्तीफा देना होगा। इसमें ओडिशा की भी दो विधानसभा सीटें शामिल हैं, जहां सीएम नवीन पटनायक को हिंजिली या बीजेपुर में से एक सीट को चुनना होगा। इस बीच महाराष्ट्र की छह विधानसभा सीटों और झारखंड की दो तथा हरियाणा की एक सीट पर उपचुनाव नहीं होंगे, क्योंकि वहां पर अगले छह महीने में चुनाव होना है।
उधर, एसपी-बीएसपी गठबंधन को यूपी में आने वाले छह महीने में एक और टेस्ट से गुजरना होगा। राज्य में कुल 11 सीटों गोविंदनगर, टुंडला, लखनऊ कैंट, गंगोह, बल्हा, मानिकपुर, इगलास, जैदपुर, प्रतापगढ़, जलालपुर और रामपुर में उपचुनाव होंगे। बता दें कि तीन नए सांसद रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी और एसपी सिंह यूपी की वर्तमान योगी सरकार में मंत्री हैं।
बिहार में भी पांच विधानसभा और दो विधान परिषद सीटों पर अगले छह महीने में चुनाव कराने पड़ेंगे। ये पांच सीटें हैं-सिमरी बख्तियारपुर, दरौंधा, बेल्हर, नाथनगर और किशनगंज। नीतीश सरकार के तीन मंत्री राजीव रंजन सिंह, दिनेश चंद्र यादव (दोनों जेडीयू के) और पशुपति कुमार पारस (एलजेपी) लोकसभा चुनाव जीत गए हैं। अब उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।
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