एजेंसी
इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत की धमक केवल देश में ही नहीं, सीमा पार भी सुनाई दे रही है। इस मोदी सुनामी से पाकिस्तान कितना भयभीत है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने भारत से बातचीत का प्रस्ताव रखा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि वह भारत की नयी सरकार के साथ बातचीत करके सभी अनसुलझे मुद्दों का हल निकालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह बात मुल्तान में इफ्तार पार्टी को संबोधित करते हुए कही। रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को एक टेबल पर साथ बैठकर बातचीत करके मुद्दे सुलझाने चाहिए, ताकि क्षेत्र में समृद्धि और शांति बनी रहे।
भारतीय चुनाव के नतीजे पाकिस्तान के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि नयी दिल्ली में बनी सरकार भारत-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य का फैसला करेगी। दोनों देशों के बीच पुलवामा आतंकी हमले के बाद से रिश्तों में तल्खी बरकरार है। 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने आत्मघाती हमला किया था। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। चुनाव नतीजों के एक दिन बाद कुरैशी ने अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ किर्गिस्तान के बिश्केक में विदेश मंत्रियों की शंघाई सहयोग संगठन परिषद बैठक के मौके पर बातचीत की। उन्होंने स्वराज को पाकिस्तान की इच्छा के बारे में बताया कि वह बातचीत के जरिये मसलों का हल निकालना चाहते हैं। पुलवामा हमले का जवाब देते हुए भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट स्थित जैश के आतंकी कैंपों पर बमबारी करके उसे नेस्तनाबूद कर दिया। इसके अगले दिन जबावी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए अपना लड़ाकू विमान एफ-16 भेजा, जिसका वायुसेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और उसके मंसूबे नाकाम कर दिये।

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