नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता में हिंसा को लेकर प्रेस कांफ्रेंस के जरिये ममता पर जबर्दस्त हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि ममता सरकार ने अपने गुंडों के माध्यम से उन पर हमला किया। वह बड़ी मुश्किल से वहां से जान बचा कर निकल सके। उन्होंने कहा कि यदि सीआरपीएफ नहीं होती मेरा बचना मुश्किल था। उन्होंने पूरे मामले की एसआइटी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने हिंसा की। भाजपा तो पूरे देश में चुनाव लड़ रही है। देश में कहीं हिंसा नहीं होती और सभी छह चरणों में बंगाल में हिंसा होती है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने रोड शो से पहले जो बैनर पोस्टर लगाये थे, उन्हें तीन घंटे पहले ही फाड़ दिया गया, हटा दिया गया।

अमित शाह ने कहा कि रोड शो में कोलकाता की जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिला। रोड शो के दौरान तीन हमले हुए। बोतल के अंदर केरोसिन डालकर भी फेंकी गयी। उन्होंने कहा कि ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति भाजपा ने नहीं तोड़ी। जब कॉलेज का गेट बंद था, तो मूर्ति किसने तोड़ी। इसे टीएमसी के गुंडों ने तोड़ा है। उन्होंने कहा कि टीएमसी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। हिंसा का कीचड़ जितना फैलेगा, कमल उतना खिलेगा। उन्होंने सवाल किया कि ममता सरकार के प्रचार पर रोक क्यों नहीं लगी। ममता की धमकी पर चुनाव आयोग ने एक्शन क्यों नहीं लिया।
अमित शाह ने कहा, ममता दीदी मुझसे आप उम्र में बड़ी हो सकती हैं, तजुर्बे में मैं आपसे आगे हूं। ज्यादा चुनाव लड़ चुका हूं, लड़वा चुका हूं। मुझे सूचना मिली है कि मुझ पर केस दर्ज किया गया है। भाजपा, ममता की एफआइआर से डरने वाली नहीं है। उन्होंने दावा किया कि 23 मई के बाद दीदी के दिन समाप्त होने वाले हैं। बंगाल में हम 23 से ज्यादा सीटें जीतेंगे।

बंगाल में प्रचार का समय घटा कई अफसरों का तबादला
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हिंसा पर चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। बंगाल में चुनाव प्रचार पर गुरुवार रात 10 बजे से ही रोक लग जायेगी। इसके साथ ही राज्य के गृह सचिव समेत कई अफसरों का तबादला भी कर दिया गया है। मुख्य सचिव ही फिलहाल गृह सचिव का कामकाज देखेंगे। गृह सचिव पर बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश देकर प्रक्रिया में दखल देने का आरोप है। सीआइडी के एडीजी को गृह मंत्रालय भेज दिया गया है। उन्हें सुबह 10 बजे मंत्रालय में रिपोर्ट करना है। 19 मई को आखिरी दौर के मतदान से पहले एहतियातन आयोग ने ये कदम उठाए हैं। ये पहली बार है जब चुनाव आयोग ने इस अंदाज में संविधान के अनुच्छेद 324 का इस्तेमाल किया है। आयोग के अनुसार, दमदम, बारासात, बशीरहाट, जॉयनगर, मथुरापुर, जाधवपुर, डायमंड हार्बर, दक्षिण कोलकाता और उत्तर कोलकाता में प्रचार गुरुवार को ही खत्म हो जायेगा।

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