विशाखापत्तनम : दिल्ली कैपिटल्स का पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल में पहुंचने का सपना शुक्रवार को टूट गया। दूसरे क्वॉलिफायर में उसे गत विजेता चेन्नै सुपर किंग्स ने 6 विकेट से हरा दिया। चेन्नै की टीम 8वीं बार फाइनल में पहुंची है। रविवार को हैदराबाद में उसका सामना मुंबई इंडियंस से होगा। दोनों टीमें चौथी बार आईपीएल फाइनल में भिड़ेंगी।
दिल्ली को पहले बल्लेबाजी का न्योता मिला और उसकी टीम 9 विकेट पर 147 रन ही बना पाई। चेन्नै ने धीमी शुरुआत के बाद फाफ डु प्लेसिस और शेन वॉटसन की हाफ सेंचुरी की बदौलत 19 ओवर में 151 रन बनाकर मैच में जीत हासिल की। अंबाती रायुडू ने इशांत शर्मा की गेंद पर विजयी चौका लगाया। 50 रन की पारी खेलने वाले डु प्लेसिस को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
दिल्ली के गेंदबाजों ने शुरुआत में काफी कसी हुई गेंदबाजी की और चेन्नै की फाफ डु प्लेसिस और शेन वॉटसन की अनुभवी सलामी जोड़ी को खुलकर नहीं खेलने दिया। दोनों बल्लेबाजों को विकेट की रफ्तार के साथ तालमेल बैठाने में दिक्कत हो रही थी। पहले चार ओवरों में सिर्फ 16 रन बने थे और लग रहा था कि यह दबाव विकेट के रूप में नजर आ सकता है। लेकिन इसके बाद पांचवें ओवर में 11 और छठे ओवर में 15 रन बने। पावरप्ले के बाद चेन्नै का स्कोर 40 रन था।
डु प्लेसिस ज्यादा आक्रामक नजर आ रहे थे। उन्होंने 37 गेंदों पर एक रन लेकर अपनी 12वीं आईपीएल फिफ्टी पूरी की। उनकी हाफ सेंचरुी पूरी होते ही वॉटसन ने छक्का लगाकर अपने स्कोर से ब्रेक हटाने का काम किया। डु प्लेसिस हालांकि अपने स्कोर को और आगे नहीं ले जा पाए और 50 के ही स्कोर पर ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर कीमो पॉल को कैच दे बैठे। चेन्नै के सलामी बल्लेबाजों ने 10.2 ओवर में 81 रन जोड़े।
डु प्लेसिस के आउट होने के बाद वॉटसन ने आक्रामक रुख अपनाया। 11 ओवर समाप्त होने तक वॉटसन 26 गेंदों पर 27 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन कीमो पॉल के अगले ओवरों में उन्होंने तीन छक्के लगाकर 31 गेंदों पर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की। हालांकि वह भी 50 रन बनाकर अमित मिश्रा का शिकार बने। उस समय चेन्नै का स्कोर 109 रन था।