आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज को दिखावा करार दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज लोगों के समक्ष रखा है। क्या इसमें भारत सरकार के खजाने से एक भी रुपया लोगों को मिला है। मुझे लगता है कि इन्होंने कोई आर्थिक मदद नहीं की है। इस घोषणा में कुछ भुगतानों को टाला गया है। हमारे ही पैसे हमें जल्दी देने की बात की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर अपने घर लौटना चाहते हैं। इसके लिए राज्य सरकारें भी परेशान हैं और कई इंतजाम किये जा रहे हैं। केंद्र की मदद से श्रमिक एक्सप्रेस भी चलाये जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जल्दी ही 6.85 लाख प्रवासी मजदूरों को वापस लाया जायेगा। सीएम ने कहा कि अन्य राज्यों में फंसे हर एक झारखंडी को घर वापस लाने हेतु सरकार कृतसंकल्पित है।
श्रमिकों को विमान से लाने की एनओसी चार दिन से गृह मंत्रालय नहीं दे रहा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अंडमान निकोबार में फंसे झारखंड के 319 श्रमिकों को विमान से लाने के लिए एनओसी नहीं देने के लिए गृह मंत्रालय पर भी निशाना साधा है। सीएम ने कहा है, हमने बार-बार झारखंड के हरेक श्रमिक को घर लाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है। 12 मई को हमारे मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिख कर अंडमान निकोबार द्वीप समूह में फंसे 319 प्रवासी श्रमिकों को दो चार्टर्ड विमान से लाने के लिए आवश्यक अनुमति देने का आग्रह किया था। सीएम ने आगे लिखा है, अब चार दिन हो गये हैं और हम यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए आज भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आवश्यक अनुमति/एनओसी का इंतजार कर रहे हैं। यदि केंद्रीय गृह मंत्रालय अनुमति देता है, तो इन उड़ानों का पूरा खर्च झारखंड सरकार वहन करेगी। हमें अब मानवीय रवैया अपनाने की जरूरत है और वैसे लोगों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है, जिन्होंने मुसीबतें झेली हैं।
रेल मंत्री ने कहा है कि रेलवे रोजाना तीन सौ श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाकर कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए तैयार है, लेकिन मुझे दुख है कि झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और राजस्थान सरकारों द्वारा बहुत कम ट्रेनों को अनुमति दी जा रही है, जिससे प्रवासी मजदूरों का कष्ट बढ़ रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार को देखिये, जहां क्रमश: अभी तक चार सौ और दो सौ ट्रेनें पहुंच चुकी हैं। ये राज्य अपने कामगारों की सुविधा का पूरा ध्यान रख रहे हैं। गोयल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर 12 सौ ट्रेनें अन्य कामों से हटा कर सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रिजर्व कर दी गयी हैं, जिससे रोज हम तीन सौ ट्रेनें शुरू कर सकते हैं।
मुुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन की अनुमति नहीं देने के आरोप पर रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी निशाने पर लिया है। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री द्वारा इस बारे में दिये गये बयान पर कहा है, माननीय रेल मंत्री जी, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आपके विभाग द्वारा आप तक सही जानकारी नहीं पहुंचायी गयी है। हमने अब तक 110 ट्रेनों की एनओसी दे दी है और 50 ट्रेनों में लगभग 60 हजार से ज्यादा श्रमिक घर लौट चुके हैं। मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा है, मैंने जहां देश में सबसे पहले ट्रेन चलाने की गुहार लगायी थी, अब पुन: आपसे ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें झारखंड के लिए चलाने का आग्रह करता हूं। अभी हर रोज मात्र चार-छह ट्रेनें झारखंड आ रही हैं, जो हमारे लगभग सात लाख श्रमिक झारखंडियों को जल्द वापस लाने हेतु पर्याप्त नहीं हैं। आशा है कि आप इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए झारखंडियों की सहायता करेंगे।