अजय शर्मा
रांची। झारखंड कोयला तस्करी के लिए जाना जाता है। यहां तस्कर अलग-अलग तरीके से कोयला के अवैध कारोबार को अंजाम देते हैं। झारखंड में कोयला तस्करों को कुछ पुलिसकर्मियों का संरक्षण प्राप्त है। कई पुलिसकर्मियों की सूची इस संबंध में तैयार की गयी है, हालांकि उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गयी है। अब ताजा मामला हजारीबाग की चरही रेलवे साइडिंग से जुड़ा है। यहां से करीब 20 हजार टन कोयले की तस्करी जिला पुलिस की मिलीभगत से करा दी गयी। कोयला परिवहन करनेवाली कंपनी बीजीआर का भुगतान सीसीएल प्रबंधन ने इसी आरोप में रोक रखा है। इसकी सूचना स्थानीय पुलिस प्रशासन के अलावा सीसीएल के अधिकारियों को भी दी गयी है।

इस तरह की गयी तस्करी
कोयला उत्पादन और परिवहन का ठेका दक्षिण भारत की एक कंपनी बीजीआर को दिया गया था, जो तापिन और झारखंड कोयला खदान में कार्यरत थी। यहां से कोयला हाइवा से मैथन और नजदीक के पावर प्लांटों में भेजा जाता था। वहीं मालगाड़ी से दूसरे राज्यों को भी कोयला जाता था। चरही रेलवे साइडिंग में डंप सेंटर बनाया गया। कंपनी को इन दो कोलियरियों से रेलवे साइडिंग तक कोयला पहुंचाने का भी ठेका था। सीसीएल के अधिकारी उस समय दंग रह गये, जब दूसरे राज्यों को कोयला भेजे जाने के क्रम में वजन कम पाया जाने लगा। सीसीएल का कोयला तस्कर दूसरे राज्यों को भेज रहे थे।

यह था तरीका
बीजीआर कंपनी के वाहन जब कोलियरी से कोयला लेकर निकलते थे, तब उसका वजन स्थानीय कांटाघर में होता था। रास्ते में हाइवा या ट्रक पर लदे कोयले को दूसरी जगह थोड़ा-थोड़ा उतारा जाता था। बाद में ट्रक रेलवे साइडिंग में बचा कोयला उतारता था। जब रैक में कोयला लादा जाने लगा, तब वहां वजन कम मिला। सीसीएल के अधिकारियों ने जब इसकी पड़ताल की, तो पता चला कि कोलियरी से चलनेवाला कोयला रेलवे साइडिंग तक पहुंचाने में बड़ा खेल होता है। जब सीसीएल ने अपने स्तर से जांच करायी, तब 20 हजार टन कोयला कम पाया गया। सूत्र बताते हैं कि कोयले को दूसरे राज्यों में बेच दिया गया। सीसीएल ने बीजीआर के मालिक रघुराम रेड्डी के भुगतान पर रोक लगा दी है।

कौन हैं रघुराम रेड्डी
रघुराम रेड्डी उस समय चर्चा में आये थं, जब उन्होंने टीपीसी के समर्थन में बयान दिया था। कहा था कि बगैर टीपीसी को पैसा दिये टंडवा इलाके में कोयले का काम नहीं किया जा सकता। टंडवा में टेरर फंडिंग की जांच में भी रेड्डी का नाम आया था। हजारीबाग स्थित उनके आवास पर उस समय एनआइए ने छापेमारी भी की थी। अब रेड्डी चरही में कोयला तस्करी के मामले में फंसते नजर आ रहे हैं।

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