नई दिल्ली: चीन भले ही कोरोना वायरस संकट से तकरीबन पूरी तरह उबर चुका हो, लेकिन दुनिया का अब पेइचिंग पर अविश्वास गहराता जा रहा है। तमाम मल्टिनेशनल कंपनियां अब चीन से बाहर निकलने की गंभीर कोशिशों में जुट चुकी हैं। भारत के लिए यह एक मौके की तरह है लिहाजा कंपनियों को आकर्षित करने के लिए देश में ‘क्लस्टर प्लान’ पर भी काम किया जा रहा है। भारत ने 9 राज्यों में फैले ऐसे 10 मेगा क्लस्टरों की लिस्ट बनाई है जो अलग-अलग सेक्टरों से जुड़े हैं और जो संबंधित कंपनियों के लिए मुफीद साबित होंगे।
इसे आसानी से ऐसे समझ सकते हैं कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्लस्टर इलेक्ट्रॉनिक हब है, जबकि हैदराबाद क्लस्टर फार्मा और वैक्सीन के निर्यात का देश में सबसे बड़ा हब है। हैदराबाद क्लस्टर में ही दुनिया का करीब एक तिहाई वैक्सीन बनता है। अब इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्लस्टर और फार्मा से जुड़ी कंपनियों को हैदराबाद क्लस्टर में यूनिट डालने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
अहमदाबाद, वडोदरा (भरुच-अंकलेश्वर क्लस्टर), मुंबई-औरंगाबाद, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नै और तिरुपति-नेल्लोर क्लस्टर भी निवेशकों सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाले क्लस्टर हैं। पुणे-औरंगाबाद ऑटो और ऑटो कंपोनेंट का हब है। इन 10 मेगा क्लस्टरों में करीब 100 लोकप्रिय इंडस्ट्रियल पार्क हैं। इसके अलावा यहां 600 से ज्यादा भारतीय और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां काम कर रही हैं।