रांची। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के शुरूआती दौर में राज्य में सिर्फ 800 श्रमिक काम कर रहे थे, लेकिन अभी 2 लाख 82 हजार श्रमिक ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में कार्यरत हैं। पूरे राज्य में 72 हजार 408 योजनाओं पर काम चल रहा है और प्रदेश की 4079 पंचायतों में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं का किर्यान्वयन किया जा रहा है। आने वाले समय में इन योजनाओं में कार्यरत श्रमिकों की संख्या दोगुनी से तिगुनी हो जायेगी। अभी बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार वापस लौट रहे हैं। एहतियात के तौर पर सभी को क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है। क्वारेंटाइन अवधि खत्म होते ही सभी को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। मंत्री आलमगीर आलम शनिवार को प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी समिति की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।बैठक में वापस लौट रहे प्रवासी कामगारों और उनके परिवारों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने की रणनीति पर चर्चा हुई।

ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि झारखंड सरकार ने राज्य में रहने वाले सभी जरूरतमंद और निर्धन परिवारों को भोजन और अनाज उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं शुरू की है। गांव-पंचायत में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए तीन बड़ी योजनाओं की शुरूआत की गयी है। इधर, राज्य सरकार ने बीमारी को लेकर जांच भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए पैनिक होने या चिंता करने की कोई बात नहीं है। लोग घबराये नहीं।

इस मौके पर प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर गठित समिति और हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों में फंसे अंतर जिला प्रवासी श्रमिकों की सूची तैयार की गयी है। प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने बताया कि विभिन्न जिलों में फंसे करीब 1400 श्रमिक अपने गृह जिला वापस लौटना चाहते हैं। पार्टी द्वारा प्रशासन के सहयोग से इनसभी की घर वापसी सुनिश्चित करायी जायेगी। बैठक में समिति के सदस्य प्रदीप तुलस्यान, लाल किशोर नाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता छोटू, मानस सिन्हा, रवींद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह उपस्थित थे।

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