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    Home»Breaking News»झारखंड की धरती पर श्रम-छात्र शक्ति का शानदार स्वागत
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    झारखंड की धरती पर श्रम-छात्र शक्ति का शानदार स्वागत

    azad sipahiBy azad sipahiMay 2, 2020No Comments5 Mins Read
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    • पहले लिंगमपल्ली से 12 सौ प्रवासी मजदूरों और फिर कोटा से 970 बच्चों को लेकर पहुंची दो ट्रेन
    • तिरुवनंतपुरम-कोझीकोड से दो और कोटा से एक विशेष ट्रेन हुई रवाना
    • हटिया और रांची स्टेशनों पर रेड कारपेट बिछा कर स्वागत किया हेमंत की टीम झारखंड ने
      आजाद सिपाही टीम
      रांची। लॉकडाउन में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों और छात्रों की घर वापसी शुक्रवार से शुरू हो गयी। शुक्रवार देर रात करीब 11.20 बजे तेलंगाना के लिंगमपल्ली से 12 सौ श्रमिकों को लेकर विशेष ट्रेन जैसे ही हटिया स्टेशन पर रुकी, 39 दिन से परदेस में लॉकडाउन की पीड़ा झेल रहे मजदूरों के चेहरे खिल उठे और आंखें खुशी से भींग गयीं। शनिवार को राजस्थान के कोटा में फंसे करीब 12 सौ बच्चों को लेकर दूसरी विशेष ट्रेन शाम पांच बजे के करीब हटिया स्टेशन पहुंची। हटिया स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों और बच्चों के स्वागत के लिए रेड कारपेट बिछाये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की टीम पूरी तरह तैयार थी। घर लौटनेवाले श्रमिकों और बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी, गुलाब का फूल दिया गया और फूड पैकेट तथा पानी की बोतल देकर बसों से उनके घरों तक भेजा गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरी व्यवस्था पर निगाह रखे हुए थे और वह खुद शुक्रवार को व्यवस्था का जायजा लेने हटिया स्टेशन पहुंचे।
    • प्रवासी मजदूरों को 56 बसों से घर के लिए रवाना किया

    शुक्रवार को तेलंगाना से आये प्रवासी मजदूरों को रात को ही 56 बसों से उनके घरों तक भेजा गया। सभी मजदूरों की गृह जिले की सीमा पर मेडिकल जांच की गयी। राज्य सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए जिन बसों की व्यवस्था की गयी थी, उन्हें सम्मान रथ का नाम दिया गया था। बसों के बाहर उनके गंतव्य का नाम लिखा हुआ था और प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए स्वयंसेवकों की टीम वहां तैनात थी। मजदूरों ने घर के करीब पहुंच कर राहत की सांस ली। उनकी खुशी चेहरे से बयां हो रही थी। ट्रेन के भीतर से लेकर प्लेटफॉर्म तक पर सब जगह यात्रियों से शारीरिक दूरी का पालन कराया गया। यात्रियों को एक-एक कर नाम पुकारते हुए उतारा गया। साथ ही पर्याप्त दूरी का पालन कराते हुए सुरक्षा में बाहर खड़ी बसों तक ले जाया गया। स्टेशन पर अफरा-तफरी न मचे, इसके लिए शासन-प्रशासन की और से पुख्ता इंतजाम किये गये थे।

    कोटा से पहुंची ट्रेन, तो बच्चे हुए भावुक
    शनिवार शाम पांच बजे कोटा में फंसे 970 बच्चों को लेकर जैसे ही विशेष ट्रेन हटिया पहुंची, वहां मौजूद प्रशासन की टीम एक्शन में आ गयी। ट्रेन से उतरने के बाद बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी, गुलाब का फूल दिया गया और फूड पैकेट देने के बाद बाहर खड़ी बसों तक ले जाया गया। देर शाम तक बच्चों को बसों से उनके गृह जिले के लिए रवाना कर दिया गया। वहां उनकी मेडिकल जांच भी की गयी। बाहर से आनेवाले सभी मजदूरों और बच्चों को 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन में रहने को कहा गया है।

    तीन और ट्रेनें रवाना
    इस बीच प्रवासी मजदूरों और विद्यार्थियों को लेकर कुल तीन ट्रेनें शनिवार को रवाना हुईं। इनमें से दो केरल के त्रिवेंद्रम और कोझीकोड से तथा तीसरी कोटा से रवाना हुई है। केरल से खुली ट्रेनों में प्रवासी मजदूर हैं और ये दोनों ट्रेनें रविवार को हटिया पहुंचेंगी। उधर कोटा से रात नौ बजे रवाना हुई ट्रेन रविवार को धनबाद पहुंचेगी।

    बाहर से आनेवाले हरेक व्यक्ति को घर तक पहुंचायेंगे : हेमंत
    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परिजनों और अभिभावकों को स्टेशन नहीं आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरेक मजदूर और बच्चे को उनके घर तक पहुंचायेगी। इसकी पूरी व्यवस्था की गयी है। सीएम ने कहा कि लॉकडाउन में फंसे करीब एक हजार युवा झारखंड पहुंच चुके हैं। आप सभी युवाओं का अभिनंदन है। लॉकडाउन में आपके द्वारा बिताये गये हर पल की पीड़ा का मुझे आभास है। अब आप अपने घर आ चुके हैं। मैं सभी बच्चों के अभिभावकों से कहना चाहता हूं कि आपके नौहिहालों के बेहतर स्वास्थ्य की जिम्मेवारी सरकार की है। प्रशासन सही सलामत बच्चों को उनके घर तक पहुंचायेगा। विभिन्न जिलों के छात्र बस के माध्यम से अपने अपने घर को जायेंगे । रांची जिला के बच्चों को भी स्क्रीनिंग के बाद उनके घर तक पहुंचाया जायेगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों और अभिभावकों को परेशान होने की जरूरत नहीं। रांची के बच्चों की अस्पताल में स्क्रीनिंग होगी। स्क्रीनिंग के बाद बसों के जरिये बच्चे घर जायेंगे। अगर संक्रमण का कोई लक्षण नजर आता है, तो फिर इसके लिए अलग प्रक्रिया होगी।

    लौटनेवाले मजदूरों को यहीं काम देंगे
    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाहर फंसे हरेक झारखंडी को वापस लायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन मजदूरों को यहीं काम देने की योजना तैयार कर रही है। कोरोना संकट खत्म होने के बाद इस पर केंद्र से बात की जायेगी। उन्होंने कहा कि घर लौटनेवाले मजदूरों के खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गयी है।
    मजदूरों, बच्चों ने कहा : थैंक यू सीएम
    तेलंगाना और कोटा से लौटे प्रवासी मजदूरों और बच्चों ने अपनी घर वापसी के लिए झारखंड सरकार को धन्यवाद दिया। हटिया स्टेशन पर बच्चों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण पैदा हुआ तनाव इतनी अच्छी व्यवस्था के बाद खत्म हो गया है। तेलंगाना से लौटे प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और रेलवे द्वारा की गयी व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट हैं।

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